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ईरान की यूनिवर्सिटी में छात्रा ने कपड़े उतारकर भड़का दी चिंगारी, कट्टर शिया मुल्क में विरोध का नया दौर

ईरान में एक छात्रा द्वारा अपनी यूनिवर्सिटी परिसर में सार्वजनिक रूप से कपड़े उतारने की घटना ने देश में विरोध का नया दौर शुरू कर दिया है। इस घटना ने एक बार फिर से ईरान के समाज में महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को लेकर चल रहे विवाद को उकसाया है। ईरान, जो एक कट्टर शिया मुस्लिम मुल्क है, जहां महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर हिजाब पहनना अनिवार्य है, इस घटना ने समाज के विभिन्न वर्गों को एकजुट कर दिया है और सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए हैं।

छात्रा का विरोध

घटना ईरान की एक प्रमुख यूनिवर्सिटी में हुई, जहां एक छात्रा ने विरोध स्वरूप अपने कपड़े उतार दिए और अपने शरीर पर हो रहे प्रतिबंधों के खिलाफ आवाज उठाई। यह कदम उसने ईरान की महिलाओं द्वारा लगाये गए हिजाब के नियम और उनके अधिकारों की कमी को चुनौती देने के रूप में उठाया। छात्रा के इस विरोध के बाद से यूनिवर्सिटी के कैंपस में कई छात्रों ने उसका समर्थन किया और प्रदर्शन शुरू कर दिया।

कट्टर शिया मुल्क में विरोध की लहर

ईरान में महिलाओं के अधिकारों पर लगातार संघर्ष चल रहा है, खासकर हिजाब को लेकर। इस घटना ने एक बार फिर से महिलाओं के अधिकारों और स्वतंत्रता को लेकर देशभर में गहरी बहस छेड़ दी है। कई महिलाओं ने सड़कों पर उतरकर अपना विरोध प्रदर्शन किया है, जिससे यह एक बड़े सामाजिक आंदोलन में बदल गया है। ईरान में ऐसे आंदोलनों पर कड़ी नजर रखी जाती है और सरकार द्वारा इन प्रदर्शनों को दबाने के लिए सख्त कदम उठाए जाते हैं।

ईरान सरकार का कहना है कि देश में धार्मिक परंपराओं का पालन करना अनिवार्य है और महिलाओं के लिए हिजाब पहनना उनकी धार्मिक जिम्मेदारी है। हालांकि, इसके विपरीत, कई महिलाएं और मानवाधिकार संगठन इस कदम को एक स्वतंत्रता का उल्लंघन मानते हैं।

विरोध का बढ़ता प्रभाव

यह घटना तब हुई है जब ईरान में पहले भी महिलाओं के अधिकारों को लेकर विरोध हो चुका है। पिछली घटनाओं में भी महिलाओं ने हिजाब का विरोध किया था, जिनमें कुछ ने सार्वजनिक रूप से हिजाब उतारकर या अन्य विरोध प्रदर्शन करके अपनी नाराजगी जाहिर की थी।

अब इस नई घटना के बाद, ईरान की युवा पीढ़ी में अधिक से अधिक लोग अपनी आवाज उठा रहे हैं और पुरानी परंपराओं को चुनौती दे रहे हैं। ये घटनाएं एक बड़े बदलाव की शुरुआत हो सकती हैं, जो न केवल ईरान बल्कि अन्य मुस्लिम देशों में भी महिलाओं के अधिकारों के लिए नए रास्ते खोल सकती हैं।

भारत और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया

भारत सहित अन्य देशों में भी इस घटनाक्रम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। मानवाधिकार संगठनों और वैश्विक समुदाय ने इस घटना को एक गंभीर उल्लंघन के रूप में देखा है, और ईरान सरकार से महिलाओं के अधिकारों का सम्मान करने की अपील की है।

ईरान के भीतर और बाहर इस घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन और चर्चा जारी है, और यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह आंदोलन ईरान में महिलाओं के अधिकारों के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा।

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