अपराधराजनीतिराज्यों से

दुष्कर्म पीड़िता का मरने से पहले बयान: एसओ ने कहा- “जहर खा लो,” अखिलेश यादव ने बीजेपी पर साधा निशाना

उत्तर प्रदेश में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसमें दुष्कर्म पीड़िता ने मरने से पहले गंभीर आरोप लगाते हुए बयान दिया कि स्थानीय पुलिस अधिकारी (एसओ) ने उसे जहर खा लेने की बात कही थी। यह मामला तेजी से राजनीतिक मुद्दा बन गया है, और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर बीजेपी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सरकार पर महिला सुरक्षा में विफल रहने और पुलिस अधिकारियों के दुर्व्यवहार पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है।

  • पीड़िता पर दबाव: पीड़िता के परिवार का कहना है कि दुष्कर्म के बाद न्याय पाने के लिए पुलिस के पास जाने पर उन्हें तरह-तरह के दबाव का सामना करना पड़ा। आरोप है कि एसओ ने पीड़िता को जहर खा लेने के लिए कहा, जिससे वह मानसिक रूप से पूरी तरह टूट गई।
  • मौत से पहले बयान: मरने से पहले पीड़िता ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसमें उसने एसओ पर दुर्व्यवहार और धमकाने का आरोप लगाया। उसका कहना था कि पुलिस ने उसे न्याय दिलाने की बजाय दबाने की कोशिश की, जिससे वह गहरे तनाव में थी।
  • अखिलेश यादव का बयान: समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने इस घटना को लेकर बीजेपी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यूपी में महिला सुरक्षा के दावे फेल हो रहे हैं और पुलिस का रवैया पीड़ितों के प्रति अत्यंत अमानवीय हो गया है। यादव ने आरोप लगाया कि सरकार कानून-व्यवस्था में सुधार करने में असमर्थ है और पुलिस अधिकारियों की मनमानी के कारण पीड़ितों को न्याय नहीं मिल रहा है।

अखिलेश यादव ने पीड़िता की मौत के लिए प्रदेश सरकार को जिम्मेदार ठहराया और मांग की कि ऐसे अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार की नीतियां महिला सुरक्षा के दावे करने में असफल रही हैं और कानून-व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है।

बीजेपी की ओर से फिलहाल इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन पार्टी के प्रवक्ताओं ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

घटना के बाद राज्य प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। पुलिस विभाग ने एसओ को फिलहाल निलंबित कर दिया है और घटना की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया है। सरकार ने पीड़िता के परिवार को आश्वासन दिया है कि दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।

  • एसओ और अन्य दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई।
  • मामले की निष्पक्ष जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन।
  • प्रदेश में महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की जवाबदेही।
Please Read and Share