प्रदेश में गंगा, यमुना, घाघरा और शारदा नदी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर पहुंची: प्रभावित इलाकों मे बाढ़ चौकियों को सतर्कता बरतने के दिये गये निर्देश।

फोटो शोशल मीडिया
16 / 09 / 2024 (शब्द) रिपोर्ट
“उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति: गंगा, यमुना, शारदा और घाघरा नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर, राहत कार्य जारी”
पिछले कई दिनों से हो रही वर्शा और बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण प्रदेष में गंगा-यमुना-षारदा और घाघरा नदी उफान पर है। बदायूं, बलिया और औरैया जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
वहीं जालौन, हमीरपुर में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है। लखीमपुर खीरी के पलिया कला और शारदा नगर में शारदा नदी, बाराबंकी और अयोध्या में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गई है।
इससे इन जिलों में बाढ़ जैसे हालात उत्पन्न हो गये हैं। लखीमपुर खीरी में बाढ़ की स्थिति पर नजर रखी जा रही है। तटबंधों की मॉनीटरिंग करने के साथ ही प्रभावित इलाकों में एनडीआरएफ तथा आपदा प्रबंधन की टीमें पूरी मुस्तैदी से कार्य कर रही हैं।
जिले में षारदा नदी के किनारे स्थित पतवारा गांव में बाढ़ के पानी से घिरे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। उधर फर्रूखाबाद में गंगा नदी में नरौरा बांध, बिजनौर बैराज से पानी छोड़े जाने के कारण यहां गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।
भदोही और मिर्जापुर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर बढ़ने से नौकाओं का संचालन बंद कर दिया गया है।
जलस्तर बढ़ने से शवदाह और गंगा आरती गली व छतों पर हो रही है। गंगा के पलट प्रवाह से वरुणा पार के निचले इलाकों में भी पलायन शुरू हो गया है।
इस साल गंगा के जलस्तर में यह बढ़ाव छठी बार हो रहा है।जिला प्रशासन ने बाढ़ चौकियों और एनडीआरएफ को अलर्ट मोड पर रखा है।जिलाधिकारी एस.राजलिंगम और अपर पुलिस कमिश्नर एस.चिनप्पा ने रविवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र और बाढ़ चौकी/बाढ़ राहत शिविर प्राथमिक विद्यालय सरैया का औचक निरीक्षण कर अधिकारियों को जरुरी दिशा निर्देश देकर अलर्ट किया है।
