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हिमाचल समाचार – धर्मशाला वन विभाग के लिए आय का स्रोत बानी त्रियुंड साइट 

धर्मशाला 09 / 09 / 2024 नीतू कौशल की रिपोर्ट

“एंट्री और कैंपिंग फीस लगने के बाद 40 हजार ने की ट्रैकिंग, विदेशी पर्यटक करते हैं भ्रमण आय का जरिया बनी त्रियूण्ड साइट, 70 लाख कमा चुका है वन विभाग”

पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज की रमणीक ट्रैकिंग साइट पर जाने वालों के लिए भले ही वन विभाग ने एंट्री व कैंपिंग फीस लगा दी हो, लेकिन इस साइट का दीदार करने वालों में कमी नहीं आई है।

त्रियूंड ट्रैकिंग साइट अब वन विभाग की ईको टूरिज्म साइट के तहत आती है। पिछले साल दिसंबर माह में वन विभाग ने त्रियूंड के लिए एंट्री फीस और कैंपिंग फीस लगाई थी, उसके बावजूद इसके बाद करीब 40 हजार पर्यटक त्रियूंड ट्रैकिंग के लिए जा चुके हैं।

वन विभाग को त्रियूंड साइट से अच्छी आय हो रही है। अब तक की आय पर नजर डालें तो विभाग एंट्री व कैंपिंग फीस से लगभग 60 से 70 लाख रुपये की कमाई कर चुका है।

त्रियूंड जाने वालों में भारतीय पर्यटकों के साथ विदेशी भी शुमार हैं। त्रियूंड ट्रैंकिंग पर जाने वाले लोगों में कुछ आगे नागडल और इंद्रहार पास तक भी जाते हैं।

ट्रैकिंग व कैंपिंग फीस लगने के बाद त्रियूंड पहुंचे करीब 40 हजार पर्यटकों में 3 हजार के लगभग विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं।

विदेशी पर्यटक ऐसी साइटस को काफी पसंद करते हैं। ऐसे में जो भी विदेशी पर्यटक त्रियूंड का भ्रमण करते हैं, जब वे वापिस जाकर अपने दोस्तों को इस साइट की जानकारी देते हैं, ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले समय में त्रियूंड भ्रमण करने वालों की संख्या में और इजाफा होगा।

ट्रैकिंग एंट्री फीस 100 रुपये तय की गई है, नकद देने पर 100 रुपये शुल्क लिया जा रहा है, यदि कोई ऑनलाइन पेमेंट करता है तो 5 रुपये की छूट दी जाती है।

यदि किसी ने कैंपिंग करनी है और त्रियूंड में टेंट लगाना है तो उनके लिए 275 रुपये शुल्क रखा गया, जिसमें ट्रैकिंग और कैंपिंग शुल्क शामिल होगा, जो कि दो दिन का हो जाएगा, इसका शुल्क जो कैश देता है उससे 275 रुपये लिए जाते हैं, जबकि ऑनलाइन पेमेंट करने पर 265 रुपये शुल्क लिया जाता है, उसे 10 रुपये की छूट दी जाती है।

“त्रियूंड ट्रैक वन विभाग को अच्छी आय दे रहा है। पिछले साल दिसंबर माह में एंट्री फीस लागू की गई थी। करीब 40 हजार पर्यटकों ने एक अब तक त्रियूंड साइट का भ्रमण किया। जिनमें से लगभग 3 हजार विदेशी पर्यटक हैं। वन विभाग ने एक साल में अब तक 60 से 70 लाख रुपये का राजस्व एकत्रित हुआ है” – सुमित शर्मा फारेस्ट रेंज ऑफिसर, वन विभाग धर्मशाला

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