इजरायल का हमला हुआ फेल: हवा में ही रूसी S-300 और बावर-373 ने तबाह की मिसाइलें, ईरान का बड़ा दावा
इजराइल द्वारा ईरानी सैन्य ठिकानों पर किए गए हवाई हमले के दौरान ईरान ने एक बड़ा दावा किया है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने इजरायली मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। ईरान ने अपनी S-300 और बावर-373 वायु रक्षा प्रणालियों का उपयोग करते हुए यह सुनिश्चित किया कि इजरायली हमले का कोई भी असर उनकी सुरक्षा पर न पड़े।
इजरायल का हवाई हमला
इजराइल ने एक बार फिर ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाते हुए हवाई हमले की योजना बनाई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य ईरानी मिसाइल प्रोग्राम और अन्य सैन्य प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाना था। इजरायली वायुसेना ने कई लड़ाकू विमानों को उपयोग में लाकर यह हमला किया, जिसमें उन्होंने ईरान के विभिन्न ठिकानों को लक्ष्य बनाया।
ईरानी वायु रक्षा प्रणाली की प्रतिक्रिया
ईरान ने इस हमले के जवाब में अपनी वायु रक्षा प्रणाली को सक्रिय किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान की S-300 और बावर-373 वायु रक्षा मिसाइलों ने इजरायली मिसाइलों को हवा में ही नष्ट कर दिया। ईरानी अधिकारियों ने बताया कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने हमला करने वाले सभी मिसाइलों को लक्ष्य बनाया और सफलतापूर्वक नष्ट किया।
S-300 और बावर-373 की विशेषताएं
- S-300: यह रूस द्वारा विकसित की गई एक अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है, जो विभिन्न ऊंचाई और गति पर उड़ान भरने वाली मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम है। इसकी रेंज और सटीकता इसे एक प्रभावी रक्षा प्रणाली बनाती है।
- बावर-373: यह ईरान की खुद की विकसित वायु रक्षा प्रणाली है, जिसे इजराइल के हमलों के खिलाफ सुरक्षा के लिए तैयार किया गया है। बावर-373 भी लंबी दूरी की वायु रक्षा क्षमता प्रदान करता है और यह विभिन्न प्रकार के हवाई लक्ष्यों को पहचानने और नष्ट करने में सक्षम है।
ईरान का बयान
ईरानी सैन्य अधिकारियों ने इस हमले को “इजरायल की हार” के रूप में बताया है और कहा है कि उनकी वायु रक्षा प्रणाली ने इजराइल को एक स्पष्ट संदेश भेजा है। ईरान के रक्षा मंत्री ने कहा, “हमारे सैन्य ठिकाने सुरक्षित हैं और किसी भी हमले का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।”
क्षेत्रीय प्रभाव
इस घटना के बाद, मध्य पूर्व में तनाव बढ़ गया है। इजराइल और ईरान के बीच लगातार चल रहे सैन्य टकराव के कारण, कई देशों ने इस स्थिति पर चिंता जताई है। विशेष रूप से अमेरिका और उसके सहयोगी देशों ने इस संघर्ष को बढ़ाने वाली घटनाओं को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है।