इजरायल ने किया था हिजबुल्लाह पर कहर बरपाने वाला पेजर अटैक, नेतन्याहू ने पहली बार कबूला, 3000 से ज्यादा हुए थे घायल
इजरायल ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह कबूल किया है कि उसने हिजबुल्लाह पर पेजर अटैक किया था, जिसे ‘कहर बरपाने वाला’ कहा गया। यह अटैक इतना शक्तिशाली था कि 3000 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे और हिजबुल्लाह के खिलाफ एक मजबूत संदेश भेजा गया था। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को लेकर अपनी सरकार की रणनीति का खुलासा किया और इसे इजरायल की सुरक्षा के दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
नेतन्याहू ने हमले को किया मान्यता
बेंजामिन नेतन्याहू ने पहली बार इस हमले की जिम्मेदारी स्वीकार करते हुए कहा कि यह इजरायल की सैन्य रणनीति का हिस्सा था। उनका कहना था कि हिजबुल्लाह और उनके समर्थक आतंकवादी संगठनों द्वारा इजरायल की सुरक्षा को खतरे में डालने के प्रयासों को नाकाम करने के लिए यह कार्रवाई की गई थी। उन्होंने बताया कि इस हमले से हिजबुल्लाह के आतंकवादियों को भारी नुकसान हुआ और उन्हें यह संदेश भेजा गया कि इजरायल अपने नागरिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं करेगा।
हिजबुल्लाह पर पेजर अटैक का विवरण
पेजर अटैक इजरायल की सैन्य तकनीक का एक उन्नत रूप था, जिसमें हिजबुल्लाह के ठिकानों पर सटीक हमला किया गया। इस हमले में अत्याधुनिक मिसाइल और तकनीकी उपायों का इस्तेमाल किया गया, जिससे हिजबुल्लाह को भारी नुकसान हुआ। यह अटैक खासतौर पर सटीकता और प्रभावशीलता में उच्चतम मानकों पर खरा उतरा, जिससे आतंकवादी संगठन को तगड़ा झटका लगा।
इस हमले में 3000 से ज्यादा लोग घायल हुए थे, जिनमें हिजबुल्लाह के सदस्य और उनके समर्थक शामिल थे। इसके बाद हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ अपने कदम उठाने की धमकी दी थी, लेकिन यह हमला इजरायल की ताकत और रणनीतिक क्षमताओं को दर्शाता है।
इजरायल की सुरक्षा नीति और हिजबुल्लाह के खिलाफ कार्रवाई
नेतन्याहू ने इस हमले को इजरायल की सुरक्षा रणनीति का हिस्सा बताते हुए कहा कि इजरायल का उद्देश्य हिजबुल्लाह जैसे आतंकी संगठनों को नष्ट करना और इजरायल के नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है। उन्होंने यह भी कहा कि इजरायल किसी भी आतंकी संगठन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा और इस प्रकार के हमले जारी रहेंगे। नेतन्याहू ने यह स्पष्ट किया कि यह हमला पूरी तरह से रक्षा और सुरक्षा के दृष्टिकोण से किया गया था, और उनका मानना है कि इस तरह की कार्रवाइयों से हिजबुल्लाह जैसे संगठनों की गतिविधियों को कम किया जा सकता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और बढ़ते तनाव
इस हमले के बाद, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में विभिन्न प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कई देशों ने इजरायल की कार्रवाई को अपनी सुरक्षा के दृष्टिकोण से उचित बताया, जबकि कुछ ने इसे अत्यधिक और असंतुलित करार दिया। लेबनान और अन्य अरब देशों में इस हमले को लेकर तीव्र विरोध हुआ, और हिजबुल्लाह ने इजरायल के खिलाफ अपने आक्रमण तेज करने की धमकी दी।