इमरजेंसी के 50 साल पर कांग्रेस को घेरने की रणनीति: एनडीए मुख्यमंत्रियों की बैठक में बीजेपी का तगड़ा प्लान
- इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस पर निशाना साधने की व्यापक रणनीति बनाई है।
- एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के मुख्यमंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं की बैठक में इस मुद्दे पर विशेष अभियान चलाने का फैसला किया गया।
- 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी, इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस की तानाशाही और लोकतंत्र के दमन को चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।
बीजेपी की रणनीति:
बीजेपी ने 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाई गई इमरजेंसी को कांग्रेस के खिलाफ एक बड़ा हथियार बनाने का फैसला किया है। अगले साल इमरजेंसी के 50 साल पूरे हो जाएंगे, और बीजेपी इस मौके को भुनाते हुए कांग्रेस की छवि को कमजोर करने की योजना बना रही है। पार्टी का मानना है कि इमरजेंसी के दौरान हुए लोकतंत्र के दमन और नागरिक अधिकारों के उल्लंघन को जनता के सामने लाना जरूरी है, खासकर युवा पीढ़ी को जो इस ऐतिहासिक घटना से अनजान हो सकती है।
एनडीए मुख्यमंत्रियों की इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि देश की जनता को याद दिलाना होगा कि कैसे कांग्रेस ने लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का दमन किया और देश को तानाशाही की ओर धकेला। मोदी ने जोर देकर कहा कि कांग्रेस की इस ऐतिहासिक गलती को 2024 के चुनावों से पहले जनता तक पहुंचाना बेहद जरूरी है।
विशेष अभियान और प्रचार योजना:
बीजेपी ने इमरजेंसी के 50 साल पूरे होने पर कांग्रेस के खिलाफ बड़े पैमाने पर विस्तृत अभियान चलाने की योजना बनाई है। इसके तहत देशभर में सभाएं, रैलियां और सोशल मीडिया कैंपेन आयोजित किए जाएंगे, जिसमें इमरजेंसी के दौरान किए गए अत्याचारों और उस समय की कांग्रेस की नीतियों को जनता के सामने रखा जाएगा।
- डॉक्यूमेंट्री और किताबें: बीजेपी इस मौके पर इमरजेंसी के बारे में डॉक्यूमेंट्री, लेख और किताबें प्रकाशित करेगी, जिसमें उस समय के पीड़ितों के अनुभव, कांग्रेस के फैसलों और लोकतंत्र के दमन को प्रमुखता से दिखाया जाएगा।
- सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार: पार्टी सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर बड़े पैमाने पर प्रचार करेगी, जिसमें इमरजेंसी के समय की घटनाओं और कांग्रेस की भूमिका पर रोशनी डाली जाएगी। इसके जरिए युवा मतदाताओं को जागरूक करने की कोशिश की जाएगी।
- रैलियां और जनसभाएं: देशभर में बीजेपी के नेता और एनडीए के मुख्यमंत्री इमरजेंसी के दौरान कांग्रेस द्वारा की गई ज्यादतियों के खिलाफ जनसभाएं करेंगे। इन सभाओं में लोकतंत्र की रक्षा के महत्व पर जोर दिया जाएगा और कांग्रेस की कथित नीतियों को जनता के सामने उजागर किया जाएगा।
कांग्रेस पर हमले की तैयारी:
बीजेपी ने इमरजेंसी को एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करते हुए कांग्रेस की छवि को कमजोर करने की योजना बनाई है। पार्टी का मानना है कि 2024 के चुनावों में कांग्रेस को घेरने का यह एक बड़ा मौका है, जहां वह इंदिरा गांधी के उस फैसले को वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व से जोड़कर दिखा सकती है। बीजेपी का तर्क है कि कांग्रेस ने हमेशा लोकतंत्र को कमजोर किया है, और इमरजेंसी इसका सबसे बड़ा उदाहरण है।
इस अभियान के जरिए बीजेपी राहुल गांधी और सोनिया गांधी जैसे कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व को भी इमरजेंसी से जोड़कर उनके खिलाफ मोर्चा खोलेगी।
2024 चुनावों पर असर:
बीजेपी की यह रणनीति 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले कांग्रेस के खिलाफ एक मजबूत राजनीतिक मोर्चा तैयार करने का हिस्सा है। इमरजेंसी का मुद्दा जनता की भावनाओं को भड़काने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हो सकता है, खासकर जब बीजेपी इसे लोकतंत्र की रक्षा के मुद्दे से जोड़कर पेश करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी और अन्य बीजेपी नेता पहले भी अपने भाषणों में इमरजेंसी का जिक्र करते आए हैं, लेकिन इस बार इसे एक संगठित अभियान का रूप दिया जा रहा है, जो 2024 चुनावों में कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने का काम करेगा।