कई सरकारी संपत्तियों को तोड़ केजरीवाल ने बनाया बंगला… बीजेपी ने की सीवीसी से जांच की मांग
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी बंगले को लेकर विवाद एक बार फिर गहरा गया है। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने अपने निवास के निर्माण के दौरान कई सरकारी संपत्तियों को तोड़ा और नियमों का उल्लंघन किया। इस मुद्दे पर बीजेपी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) से जांच की मांग की है, जिससे यह मामला अब राजनीतिक घमासान का रूप ले चुका है।
मुख्य खबर:
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नया सरकारी बंगला विवादों में घिर गया है। बीजेपी ने आरोप लगाया है कि इस बंगले के निर्माण के दौरान कई सरकारी संपत्तियों को अवैध तरीके से तोड़ा गया और नियमों का उल्लंघन किया गया। बीजेपी के नेताओं ने दावा किया है कि केजरीवाल सरकार ने नियमों की अनदेखी कर बंगले का विस्तार किया और इसके लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए, जो करदाताओं के पैसे का दुरुपयोग है।
बीजेपी ने इस मामले की जांच के लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) को शिकायत भेजी है। पार्टी ने मांग की है कि केजरीवाल के निवास के निर्माण में खर्च हुए धन की जांच होनी चाहिए और अगर किसी तरह की अनियमितता पाई जाती है, तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
बीजेपी के आरोप:
बीजेपी के वरिष्ठ नेता इस मुद्दे पर खुलकर सामने आए हैं। उनका कहना है कि केजरीवाल का बंगला एक साधारण सरकारी निवास से कहीं ज्यादा भव्य है और इसके लिए नियमों को ताक पर रखकर कई सरकारी संपत्तियों को तोड़ा गया। उनके अनुसार, निर्माण के दौरान पुराने भवनों और संरचनाओं को हटाया गया और एक नया आधुनिक निवास तैयार किया गया, जिसमें अत्यधिक खर्च किया गया।
बीजेपी के प्रवक्ता ने कहा, “केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों से सादगी और ईमानदारी का वादा किया था, लेकिन उनका बंगला इन वादों के विपरीत भव्यता और फिजूलखर्ची का प्रतीक बन गया है। यह जनता के पैसे का दुरुपयोग है, और इसकी जांच जरूरी है।”
आप का बचाव:
दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी (AAP) ने इन आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया है। पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि मुख्यमंत्री का निवास नियमों के अनुसार बनाया गया है और इसमें किसी तरह की अनियमितता नहीं हुई है। AAP ने बीजेपी पर आरोप लगाया कि वह केजरीवाल की लोकप्रियता से परेशान होकर ऐसे आरोप लगा रही है और यह सिर्फ एक राजनीतिक साजिश है।
AAP ने यह भी कहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को सरकारी आवास देने के मामले में कोई नई बात नहीं है, और पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास भी बड़े और भव्य रहे हैं। पार्टी ने बीजेपी पर पलटवार करते हुए कहा कि वह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है, जबकि दिल्ली के लोग केजरीवाल सरकार के कामों से खुश हैं।
जांच की मांग और राजनीतिक मोर्चाबंदी:
बीजेपी द्वारा CVC से जांच की मांग के बाद दिल्ली की राजनीति गरमा गई है। CVC को भेजी गई शिकायत में बीजेपी ने इस बात पर जोर दिया है कि निर्माण कार्य के दौरान पारदर्शिता का पालन नहीं किया गया और इसमें भ्रष्टाचार के संकेत मिल सकते हैं। बीजेपी नेताओं ने इसे एक बड़ा मुद्दा बनाते हुए कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास पर जनता के पैसे का दुरुपयोग हुआ है, और इस पर विस्तृत जांच की आवश्यकता है।
इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और बीजेपी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है, क्योंकि बीजेपी इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी में है।