कनाडा के आरोप गंभीर, भारत जांच में दे साथ… अमेरिका ने भारत-कनाडा विवाद पर तोड़ी चुप्पी, ट्रूडो के मन की कही बात
कनाडा और भारत के बीच चल रहे तनावपूर्ण कूटनीतिक विवाद पर अमेरिका ने आखिरकार अपनी चुप्पी तोड़ दी है। अमेरिका ने कनाडा द्वारा भारत पर लगाए गए आरोपों को गंभीर बताया और कहा कि भारत को इस मामले की जांच में सहयोग देना चाहिए। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की हालिया टिप्पणियों के बाद, अमेरिका ने उनके बयान का समर्थन करते हुए कहा कि उन्हें भी मामले को गंभीरता से लेने की जरूरत है।
मुख्य खबर:
भारत और कनाडा के बीच हाल ही में उत्पन्न हुए विवाद के बीच अब अमेरिका की प्रतिक्रिया भी सामने आ गई है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया था कि भारत की सरकारी एजेंसियों का हाथ खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में हो सकता है। इस आरोप के बाद दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ गई, और कई कूटनीतिक कदम उठाए गए। भारत ने इन आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया और इसे आधारहीन बताया, जबकि कनाडा इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपना रहा है।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, “कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोप गंभीर हैं और इनकी उचित जांच होनी चाहिए। हम चाहते हैं कि भारत इस जांच में पूरा सहयोग करे ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
अमेरिका की प्रतिक्रिया:
अमेरिका ने इस विवाद को लेकर दोनों देशों से संयम बरतने की अपील की है और कहा है कि इस मामले को कानूनी ढंग से हल करना आवश्यक है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि किसी भी देश की संप्रभुता का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, लेकिन इस तरह के आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। इसके साथ ही, अमेरिका ने भारत और कनाडा दोनों के साथ अपने मजबूत संबंधों का जिक्र करते हुए कहा कि वह इस मामले को सुलझाने में कूटनीतिक माध्यमों का इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
ट्रूडो की प्रतिक्रिया:
जस्टिन ट्रूडो ने अपने बयान में दोहराया कि कनाडा ने इस मामले को हल्के में नहीं लिया है और सरकार के पास पर्याप्त जानकारी है जो इस दावे का समर्थन करती है। उन्होंने कहा, “हम केवल आरोप नहीं लगा रहे हैं, हमारे पास ठोस सबूत हैं, और हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस मामले को गंभीरता से लेने की अपील कर रहे हैं।” ट्रूडो ने यह भी कहा कि वह भारत के साथ मिलकर इस मामले की जांच को आगे बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
भारत की स्थिति:
भारत ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए ट्रूडो के आरोपों को खारिज कर दिया है। भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा कि यह आरोप पूरी तरह से निराधार और बेबुनियाद हैं। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह अपनी संप्रभुता और राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता नहीं करेगा। भारत ने कनाडा को खालिस्तान समर्थकों की गतिविधियों पर नकेल कसने के लिए भी कहा है, जो भारत की सुरक्षा के लिए खतरा हैं।