अंतरराष्ट्रीयब्रेकिंग न्यूज़राजनीति

कश्मीर पर एर्दोगान की चुप्पी से पीएम मोदी खुश, कजान में मिलेगा ‘इनाम’; पाकिस्तानी एक्सपर्ट बता रहे भारत की बड़ी जीत

कश्मीर मुद्दे पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान की चुप्पी को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए एक बड़ी जीत के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तान के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि एर्दोगान की चुप्पी और इस मुद्दे पर उनकी असहमति से भारत को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूती मिली है।

पाकिस्तानी विशेषज्ञों का मानना है कि एर्दोगान की चुप्पी भारतीय विदेश नीति की सफलता का संकेत है। इस स्थिति को देखकर पीएम मोदी को आशा है कि कजान में आयोजित होने वाले समिट के दौरान उन्हें एक महत्वपूर्ण राजनीतिक ‘इनाम’ मिलेगा। एर्दोगान, जो पहले कश्मीर पर भारत के खिलाफ अक्सर बयान देते थे, अब इस मुद्दे पर चुप हैं, जिससे भारत को अपने कूटनीतिक प्रयासों में मजबूती मिली है।

कजान में होने वाले समिट को लेकर कूटनीतिक हलकों में काफी चर्चा हो रही है। भारत और तुर्की के बीच संबंधों में सुधार की संभावना के साथ-साथ एर्दोगान की चुप्पी भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखी जा रही है। कजान में पीएम मोदी को संभावित बातचीत में एर्दोगान से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलने की उम्मीद है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों को और प्रगाढ़ किया जा सकेगा।

पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि यह स्थिति उनके लिए चिंता का विषय है, क्योंकि एर्दोगान के समर्थन से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर मजबूती मिलती थी। हालांकि, अब जब एर्दोगान ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध ली है, तो पाकिस्तान को अकेलेपन का एहसास हो रहा है।

भारत के कूटनीतिक हलकों में इस बात को लेकर सकारात्मकता है कि एर्दोगान की चुप्पी भारत के लिए एक अवसर हो सकती है। इस स्थिति को भारतीय विदेश नीति की सफलता के रूप में देखा जा रहा है, जो पिछले कुछ वर्षों में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर स्पष्टता के साथ खड़ी रही है।

Please Read and Share