खंडवा- प्रदेश के कई जिलों में डेंगू चिकनगुनिया का प्रकोप, स्वास्थ्य विभाग ने दी विशेष एहतियात बरतने की सलाह
“खंडवा जिला अस्पताल में लगातार मौसम की मिजाज में हो रहे परिवर्तन को लेकर डेंगू चिकनगुनिया के मरीज बढ़ते जा रहे हैं”
22 / 09 / 2024 (पि बी शब्द) सुनील शर्मा
वर्तमान में डेंगू के 5 मरीज और चिकनगुनिया के 3 मरीज पाये गये हैं। डेंगू के मरीज मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम हरकत में आई है, टीम ने जिन गांवों में यह मरीज पाए गए हैं वहां पर मलेरिया जांच के लिये टीम को भेज कर लार्वा की जांच कराई है।
इतना ही नहीं जिला अस्पताल में डेंगू और चिकनगुनिया की जांच के लिए विशेष काउंटर भी तैयार किए गए हैं।
इन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कर उन्हें बेहतर इलाज देने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा आम जनता से अपील की गई है वह अपने आसपास साफ सफाई रखें जिससे डेंगू , चिकन गुनिया और मलेरिया का खतरा न बढ़े।
डेंगू और चिकनगुनिया का प्रकोप
डेंगू और चिकनगुनिया, दोनों ही मच्छरों के माध्यम से फैलने वाली वायरल बीमारियां हैं, जो अक्सर मानसून के मौसम में बढ़ जाती हैं। इन बीमारियों के प्रकोप से न केवल स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ता है, बल्कि यह समाज और अर्थव्यवस्था पर भी भारी बोझ डालता है।
डेंगू
- संक्रामक एजेंट: डेंगू वायरस, जो एडीज एजिप्टी मच्छर द्वारा फैलता है।
- लक्षण: बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, त्वचा पर दाने।
- गंभीरता: डेंगू हेमोरेजिक फीवर (DHF) के रूप में विकसित हो सकता है, जो जीवन के लिए खतरा बन सकता है।
चिकनगुनिया
- संक्रामक एजेंट: चिकनगुनिया वायरस, जो भी एडीज मच्छर द्वारा फैलता है।
- लक्षण: उच्च बुखार, तेज जोड़ों में दर्द, सिरदर्द, थकान।
- गंभीरता: आमतौर पर जानलेवा नहीं, लेकिन जोड़ों का दर्द लंबे समय तक रह सकता है।
रोकथाम और उपचार
- रोकथाम: मच्छरों के प्रजनन स्थलों को खत्म करना, मच्छरदानी का उपयोग करना, और स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की सलाह का पालन करना।
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र
: बुखार कम करने के लिए सामान्य दर्द निवारक दवाएं, लेकिन विशेष उपचार उपलब्ध नहीं है। - सावधानियां
- अपने आसपास सफाई रखें।
- पानी जमा न होने दें।
- मच्छरों से बचने के लिए लंबे कपड़े पहनें और मच्छरदानी का उपयोग करें।
इन बीमारियों के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए सामुदायिक जागरूकता और स्वास्थ्य सुविधाओं का समुचित उपयोग आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की ओर से समय-समय पर जागरूकता अभियान चलाना बेहद जरूरी है।