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तुर्की आतंकी हमले में आया PKK का नाम: राष्ट्रपति एर्दोगन से लड़ाई का इतिहास और तुर्की-कुर्द संघर्ष की पृष्ठभूमि

तुर्की की एक एयरोस्पेस कंपनी पर हुए आतंकी हमले में कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) का नाम सामने आया है। यह संगठन तुर्की में कुर्दों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ता है, और इसे तुर्की सरकार द्वारा एक आतंकवादी संगठन माना जाता है। इस हमले ने तुर्की में चल रहे कुर्द संघर्ष को फिर से चर्चा में ला दिया है। आइए जानते हैं PKK की उत्पत्ति, इसकी राष्ट्रपति एर्दोगन के साथ लड़ाई और तुर्की-कुर्द संघर्ष के इतिहास के बारे में।

PKK का परिचय
कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (PKK) की स्थापना 1978 में अब्दुल्ला ओजलान द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य तुर्की में कुर्दों के अधिकारों की रक्षा करना और उन्हें स्वायत्तता दिलाना था। PKK ने शुरुआत में एक मार्क्सवादी-लेनिनवादी विचारधारा के तहत सशस्त्र संघर्ष शुरू किया। इस संगठन ने 1984 में तुर्की सरकार के खिलाफ सशस्त्र संघर्ष की शुरुआत की, जिससे तुर्की में व्यापक हिंसा और संघर्ष का दौर शुरू हुआ।

राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने 2002 में सत्ता में आने के बाद से PKK के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। एर्दोगन की सरकार ने PKK को एक आतंकवादी संगठन मानते हुए इसे कुर्दों के खिलाफ लगातार दमनात्मक उपायों का सहारा लिया है। एर्दोगन ने PKK के खिलाफ सैन्य कार्रवाई की योजना बनाई और इसके सदस्यों को पकड़ने के लिए व्यापक ऑपरेशन चलाए।

एर्दोगन ने कुर्द क्षेत्र में शांति वार्ता की कोशिश की, लेकिन यह प्रयास असफल रहे। एर्दोगन के प्रशासन ने PKK के खिलाफ कठोर नीतियों को जारी रखा, जिससे संघर्ष और बढ़ गया।

तुर्की में कुर्दों का संघर्ष एक जटिल और लंबा इतिहास है, जिसमें विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक कारक शामिल हैं:

तुर्की में कुर्दों की पहचान और भाषा पर कई वर्षों तक दमनात्मक नीतियां लागू रहीं। कुर्द भाषा को सार्वजनिक रूप से बोलने पर प्रतिबंध था, और कुर्द पहचान को नकारा गया।

1980 के दशक में PKK के गठन के बाद, सशस्त्र संघर्ष ने तेजी पकड़ ली। इस संघर्ष में हजारों लोग मारे गए, और लाखों लोग विस्थापित हुए।

2013 में, एर्दोगन ने PKK के साथ शांति वार्ता शुरू की थी, जिसका उद्देश्य संघर्ष को समाप्त करना था। लेकिन 2015 में वार्ता ठप हो गई, और फिर से हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगीं।

PKK को कई देशों द्वारा आतंकवादी संगठन माना गया है, लेकिन कुछ देश, विशेष रूप से अमेरिका, ने कुर्दों को ISIS के खिलाफ लड़ाई में सहयोगी माना है। यह स्थिति तुर्की के लिए चिंता का कारण बनी है।

हाल के आतंकी हमले ने तुर्की में PKK के खिलाफ सुरक्षा उपायों को और सख्त कर दिया है। तुर्की सरकार ने इस हमले के बाद सुरक्षा बलों को अलर्ट कर दिया है और PKK के खिलाफ कार्रवाई जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है।

कुर्द संघर्ष एक जटिल मुद्दा है, जिसमें पहचान, अधिकार, और राजनीति का गहरा ताल्लुक है। तुर्की में कुर्दों के अधिकारों की लड़ाई अब भी जारी है, और इस संघर्ष के समाधान के लिए एक दीर्घकालिक और स्थायी दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

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