दिल्ली – बजट में मिले 11400.83 करोड़ रुपये से अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होगी पुलिस
“केंद्रीय बजट 2024-25 में दिल्ली पुलिस को 11400.83 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं जो पिछले वित्त वर्ष से चार प्रतिशत कम है। वित्त वर्ष 2023-2024 के लिए दिल्ली पुलिस को आवंटित बजट 11932.03 करोड़ रुपये था। इससे दिल्ली पुलिस नई चुनौतियों से निपटने के लिए अत्याधुनिक संसाधनों से लैस होगी”
NEW DELHI 24/07/2024 REPORTING BY SUNIL SHARMA
2024-2025 के केंद्रीय बजट में इस बार दिल्ली पुलिस को 11,400.83 करोड़ बजट मिले। यह आवंटन पिछले वित्तीय वर्ष के बजट की तुलना में चार प्रतिशत की कमी को दर्शाता है। 2023-2024 के बजट में दिल्ली पुलिस को 11932.03 करोड़ रुपये मिला था। जी-20 शिखर सम्मेलन की सुरक्षा तैयारियों को लेकर पिछले वित्तीय वर्ष में अधिक बजट मिला था ताकि दिल्ली पुलिस अपने ढांचागत हालात को मजबूत कर सके साथ ही बड़ी संख्या में कैमरे व वाहन भी खरीदने थे।
इस बार आवंटित धनराशि नियमित खर्चों के साथ-साथ विभिन्न योजनाओं के लिए भी है। इस साल दिल्ली पुलिस ने चोरी हुए या आपराधिक गतिविधियों में इस्तेमाल किए गए मोबाइल उपकरणों के स्थान निर्धारित करने के लिए लगभग 70 सेल साइट विश्लेषक हासिल किए।
इसी तरह पुलिस इस साल 15 और फोरेंसिक वैन खरीदेगी, जिससे संख्या 30 हो जाएगी। इन वैनों को अपराध स्थलों पर कुशल और प्रभावी साक्ष्य संग्रह की सुविधा के लिए डिजाइन किया गया है। ये वाहन विशेष उपकरणों और उपकरणों की एक श्रृंखला से सुसज्जित हैं, जो फोरेंसिक पेशेवरों को आगे के विश्लेषण के लिए फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) में भेजने से पहले विभिन्न प्रकार के साक्ष्यों पर प्रारंभिक जांच और परीक्षण करने में सक्षम बनाते हैं।
इन वाहनों की आन-साइट क्षमताएं साक्ष्य के त्वरित और सुरक्षित संग्रह, पैकेजिंग और लेबलिंग की अनुमति देती हैं, जिससे पूरी जांच प्रक्रिया में इसकी अखंडता सुनिश्चित होती है।
कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने एनसीआर मेगा शहरों और मॉडल ट्रैफिक सिस्टम में यातायात और संचार बुनियादी ढांचे को बढ़ाने के उद्देश्य से कई परियोजनाओं के कार्यान्वयन की योजना है। इन पहलों में संचार सुविधाओं में सुधार और वृद्धि, प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आधुनिकीकरण, अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का समावेश और यातायात संकेतों की स्थापना आदि शामिल हैं।
बम धमकियों की बढ़ती चिंता को दूर करने के लिए अधिकारी उन्नत जल अवरोधक प्राप्त कर रहे हैं। इन परिष्कृत उपकरणों को इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (आइईडी) को सुरक्षित रूप से निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन किया गया है। जल अवरोधकों के अलावा, “जंक्शन मूल्यांकनकर्ताओं के अलावा बम बास्केट, टेलीस्कोपिक मैनिपुलेटर्स और वाष्प डिटेक्टरों के उन्नत संस्करण” भी खरीदे जा रहे हैं।
इन अत्याधुनिक उपकरणों की खरीद बम निरोधक इकाइयों की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए बेहतर कदम है। इस बार मिले बजट से दिल्ली पुलिस को और अत्याधुनिक संसाधनों से लैस बनाने की कोशिश की जाएगी और दिल्ली की सबसे बड़ी यातायात जाम की समस्या को सुधारने के लिए यातायात प्रबंधन को दुरुस्त करने की कोशिश की जाएगी।
दिल्ली के करीब 13 थाने अभी भी या तो किराए के भवनों में चल रहे हैं या सरकारी भूमि पर टिन के सेड में चल रहे हैं। अब तक सभी पुलिसकर्मियों के लिए आवास की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी पड़ोसी राज्यों से रोज ड्यूटी करने दिल्ली आते-जाते हैं। लिहाजा बड़ी राशि भवन निर्माण में खर्च किए जाएंगे।
दिल्ली में अबतक सभी सड़कों पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लग पाए हैं। सालों से हर स्तर पर केवल दावे पर दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में दिल्ली पुलिस उन जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रयास करेगी, जहां कैमरे नहीं लगे हैं।
इस बजट में दिल्ली भर में सीसीटीवी सुरक्षा निगरानी प्रणाली की स्थापना, कानून और व्यवस्था के आधुनिकीकरण के लिए विभिन्न उन्नत उपकरणों की खरीद, साइबर हाईवे और डिजिटल ट्रेकिंग रेडियो सिस्टम जैसी संचार प्रणाली के उन्नयन के अलावा इंटेलिजेंट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के कार्यान्वयन के लिए करोड़ों रुपये आवंटित किए गए हैं।