दिल्ली सरकार में जेल जा चुके मंत्रियों का क्या रहा चुनावी परिणाम? जनता ने जताया भरोसा या किया खारिज?
नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आते ही सबसे ज्यादा चर्चा उन मंत्रियों की हो रही है, जो आपराधिक मामलों या कथित घोटालों के चलते जेल जा चुके हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार में कई बड़े नाम इस दौरान जेल गए थे, जिनमें मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन जैसे पूर्व मंत्री प्रमुख थे। अब सवाल यह है कि जनता ने इन नेताओं और उनकी पार्टी पर भरोसा दिखाया या पूरी तरह नकार दिया?
मनीष सिसोदिया की सीट पर क्या हुआ?
दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से लंबे समय तक विधायक रहे मनीष सिसोदिया को शराब नीति घोटाले के आरोपों में जेल जाना पड़ा था। इस बार उनकी गैर-मौजूदगी में आप ने उनके करीबी उम्मीदवार को मैदान में उतारा, लेकिन चुनावी रुझानों के मुताबिक, बीजेपी यहां बड़ी बढ़त बनाए हुए है। यह साफ संकेत है कि जनता ने सिसोदिया के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी से दूरी बना ली है।
सत्येंद्र जैन की सीट पर भी झटका
दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, जो मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में लंबे समय तक जेल में रहे, उनके प्रभाव वाली शकूर बस्ती सीट पर भी आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लग सकता है। शुरुआती रुझानों में यहां बीजेपी ने बढ़त बना रखी है, जिससे साफ है कि जनता ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया है।
क्या जनता ने किया खारिज?
दिल्ली में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी ने आक्रामक प्रचार किया, और ऐसा लगता है कि इसका असर वोटिंग पैटर्न पर पड़ा है। हालांकि, AAP के कुछ अन्य उम्मीदवारों को जनता का समर्थन मिलता दिख रहा है, लेकिन जिन नेताओं पर आरोप लगे हैं, उनके क्षेत्रों में मतदाता नाराज नजर आ रहे हैं।
केजरीवाल सरकार के लिए बड़ा संदेश
अगर ये रुझान नतीजों में बदलते हैं, तो यह अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका होगा। जेल गए नेताओं से जुड़ी राजनीतिक बहस ने जनता को प्रभावित किया है और बीजेपी को इसका फायदा होता दिख रहा है।
अब देखना यह होगा कि नतीजों की अंतिम तस्वीर क्या होती है और क्या आम आदमी पार्टी जनता का विश्वास दोबारा जीतने में सफल हो पाती है या नहीं।