स्वास्थ्य

दिवाली से पहले बाजारों में नकली मावा का खतरा: कैंसर का कारण बन सकता है, FSSAI ने 5 सेकंड में मिलावट जांचने का तरीका बताया

  • दिवाली के मौके पर मिठाइयों की मांग बढ़ने के साथ ही बाजार में नकली मावा (खोया) की सप्लाई भी बढ़ गई है।
  • नकली मावा में मौजूद केमिकल्स और हानिकारक तत्व स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकते हैं, जिससे कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
  • FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) ने नकली मावा की पहचान करने के लिए एक आसान तरीका बताया है, जिसे आप सिर्फ 5 सेकंड में कर सकते हैं।

नकली मावा का खतरा:

दिवाली के मौके पर बाजार में मिठाइयों की खपत तेजी से बढ़ती है, जिससे मावे की मांग भी बढ़ जाती है। इस बढ़ती मांग का फायदा उठाकर कुछ व्यापारी नकली मावा बेचने लगते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक हो सकता है। नकली मावा में डिटर्जेंट, स्टार्च, सिंथेटिक दूध और कई बार हानिकारक केमिकल्स मिलाए जाते हैं, जो न केवल पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि लंबे समय तक इसके सेवन से कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा भी पैदा होता है।

नकली मावा से होने वाले नुकसान:

  • कैंसर का खतरा: नकली मावा में मिलाए गए केमिकल्स और डिटर्जेंट शरीर के अंगों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं और लंबे समय में कैंसर का कारण बन सकते हैं।
  • पाचन तंत्र पर असर: नकली मावा खाने से पेट में गड़बड़ी, अपच, उल्टी, दस्त जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
  • जिगर और किडनी पर प्रभाव: नकली मावा के अधिक सेवन से लीवर और किडनी पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे इन अंगों को नुकसान पहुंच सकता है।

FSSAI का 5 सेकंड में मिलावट जांचने का तरीका:

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने नकली मावा की पहचान करने के लिए एक आसान और प्रभावी तरीका बताया है, जिसे आप केवल 5 सेकंड में कर सकते हैं।

जांच का तरीका:

  1. एक छोटी मात्रा में मावा लें और उसे अपने अंगूठे और उंगली के बीच रगड़ें।
  2. असली मावा मुलायम और चिकना महसूस होता है, जबकि नकली मावा रूखा, सख्त या किरकिरा महसूस होता है।
  3. असली मावा को गर्म करने पर वह घी छोड़ने लगता है, जबकि नकली मावा में यह गुण नहीं होता।
  4. मावे का एक टुकड़ा पानी में डालें और घोलें। यदि पानी दूधिया हो जाता है, तो उसमें मिलावट हो सकती है।

सावधानियां और सुझाव:

  • समान्य दुकानों से खरीदें: मावा खरीदते समय हमेशा भरोसेमंद और प्रसिद्ध दुकानों से ही खरीदें।
  • पैक्ड मावा खरीदें: जहां तक हो सके, एफएसएसएआई द्वारा प्रमाणित और सील पैक में मिलने वाला मावा ही खरीदें। इससे मिलावट का खतरा कम होता है।
  • मावा का रंग और गंध जांचें: असली मावा हल्के पीले रंग का होता है और उसमें हल्की मीठी गंध आती है। नकली मावा रंग में बहुत ज्यादा सफेद या पीला हो सकता है, और उसमें गंध असामान्य या अप्राकृतिक हो सकती है।

FSSAI की अपील:

FSSAI ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे दिवाली के समय मिठाई खरीदते वक्त सावधानी बरतें और जहां भी नकली मावा का संदेह हो, उसे न खरीदें। इसके साथ ही, अगर आपको किसी दुकान पर नकली मावा बेचे जाने का शक हो, तो इसकी तुरंत सूचना स्थानीय खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को दें।

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