पाकिस्तान का टूट गया घमंड! नवाज शरीफ ने भारत से रिश्ते सुधारने की लगाई गुहार, बोले- “हमने 70 साल लड़ते बिता दिए”
- नवाज शरीफ ने भारत के साथ रिश्तों को सुधारने और संवाद शुरू करने की पुरजोर अपील की।
- उन्होंने स्वीकार किया कि पाकिस्तान और भारत ने पिछले 70 सालों में केवल लड़ाइयों में समय बर्बाद किया।
- पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेता शरीफ ने आर्थिक और राजनीतिक संकटों के बीच देश की बेहतरी के लिए भारत से रिश्ते सुधारने पर जोर दिया।
नवाज शरीफ का बयान:
लंदन में लंबे समय तक निर्वासन में रहने के बाद पाकिस्तान लौटे पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हाल ही में एक रैली में बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अब पाकिस्तान को अपने पुराने दुश्मनों के साथ रिश्ते सुधारने की जरूरत है, खासकर भारत के साथ। उन्होंने माना कि दोनों देशों ने पिछले सात दशकों में एक-दूसरे से लड़ने में अपनी ऊर्जा और संसाधन बर्बाद कर दिए हैं। शरीफ का यह बयान उस वक्त आया है जब पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट और राजनीतिक अस्थिरता का सामना कर रहा है।
नवाज शरीफ ने कहा:
“हमने 70 साल लड़ाई-झगड़े में बिता दिए, पर अब हमें पीछे मुड़कर देखना चाहिए। हमें अपने पड़ोसियों के साथ अच्छे रिश्ते बनाने चाहिए, खासकर भारत के साथ।”
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान और भारत आपसी विवादों को सुलझा लें, तो इससे दोनों देशों को फायदा होगा। शरीफ ने आर्थिक सहयोग और व्यापारिक संबंधों की वकालत की, जिससे क्षेत्र में स्थिरता और विकास को बढ़ावा मिल सके।
पाकिस्तान की मौजूदा स्थिति:
पाकिस्तान इस समय भारी आर्थिक संकट में है। बढ़ती महंगाई, गिरते विदेशी मुद्रा भंडार और कर्ज के बोझ ने देश की आर्थिक हालत को जर्जर बना दिया है। इस स्थिति में नवाज शरीफ ने इशारा किया कि भारत के साथ व्यापारिक संबंधों को पुनर्जीवित करने से पाकिस्तान को बड़ी मदद मिल सकती है।
शरीफ ने इमरान खान की पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों की आलोचना की, जिसमें भारत के साथ रिश्तों में और खटास आई थी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को अपने हितों की रक्षा के लिए अपने पड़ोसी देशों के साथ संवाद और सहयोग की नई शुरुआत करनी चाहिए। इसके साथ ही, शरीफ ने कहा कि अगर पाकिस्तान और भारत अपने पुराने विवादों को किनारे रखकर मिलकर काम करें, तो दक्षिण एशिया में स्थिरता और समृद्धि की नई इबारत लिखी जा सकती है।
भारत के साथ संबंध सुधारने की जरूरत:
नवाज शरीफ ने यह भी माना कि भारत के साथ संबंध सुधारने से न केवल पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा, बल्कि क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा के लिहाज से भी यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। उन्होंने यह स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच कई राजनीतिक और ऐतिहासिक विवाद हैं, लेकिन इन मुद्दों को बातचीत और शांतिपूर्ण समाधान के जरिए हल किया जा सकता है।
उन्होंने जोर दिया कि पाकिस्तान को अब अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपनी स्थिति को सुधारने के लिए अपने पड़ोसियों से सकारात्मक संबंध बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक मजबूत पाकिस्तान तभी बन सकता है जब देश अपने पुराने दुश्मनों से दोस्ती का हाथ बढ़ाए और शांति की दिशा में कदम उठाए।
शरीफ की अपील का महत्व:
नवाज शरीफ का यह बयान ऐसे समय में आया है जब पाकिस्तान के अंदरूनी हालात बेहद नाजुक हैं। देश में लगातार बढ़ती राजनीतिक अस्थिरता और कमजोर होती अर्थव्यवस्था ने सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है। ऐसे में शरीफ की अपील को पाकिस्तान के भविष्य के लिए एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।
इसके साथ ही, यह देखना भी महत्वपूर्ण होगा कि पाकिस्तान की सैन्य और राजनीतिक ताकतें नवाज शरीफ की इस अपील पर क्या प्रतिक्रिया देती हैं, क्योंकि पाकिस्तान की सेना हमेशा से भारत के साथ कड़े रुख को प्राथमिकता देती रही है।