पाकिस्तान, चीन और ईरान के मिसाइल-ड्रोन कार्यक्रम पर चला अमेरिका का चाबुक: 26 कंपनियां ब्लैकलिस्ट
अमेरिका ने पाकिस्तान, चीन और ईरान के मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों के खिलाफ एक बड़ा कदम उठाते हुए 26 कंपनियों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है। यह निर्णय इन देशों के रक्षा क्षेत्र में हो रही गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के लिए लिया गया है।
अमेरिकी सरकार ने कहा है कि ये कंपनियाँ ऐसे कार्यक्रमों में शामिल हैं जो अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ हैं। इनमें से कई कंपनियाँ मिडिल ईस्ट और एशिया में मिसाइल और ड्रोन तकनीक के विकास में लिप्त पाई गई हैं, जो क्षेत्रीय स्थिरता को खतरे में डाल सकती हैं।
ब्लैकलिस्ट की गई कंपनियों में पाकिस्तान, चीन और ईरान की कई प्रमुख कंपनियाँ शामिल हैं। इन कंपनियों पर आरोप है कि वे तकनीकी विशेषज्ञता, सामग्री और संसाधनों के जरिए इन देशों के सैन्य कार्यक्रमों को बढ़ावा दे रही हैं।
अमेरिका का यह निर्णय उन चिंताओं के आलोक में आया है कि पाकिस्तान और ईरान, खासकर मिसाइल कार्यक्रमों के माध्यम से, क्षेत्र में अपने प्रभाव को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। इसके साथ ही, चीन के साथ बढ़ती हुई सैन्य सहयोग भी एक चिंता का विषय है।
इस कार्रवाई के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं। कई देश अमेरिका के इस कदम का समर्थन कर रहे हैं, जबकि कुछ इसे अन्य देशों के खिलाफ एक नई प्रतिबंधात्मक नीति के रूप में देख रहे हैं।
अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि यह कदम एक आवश्यक उपाय है ताकि वैश्विक सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके और मिसाइल और ड्रोन कार्यक्रमों में अनुचित विकास को रोका जा सके। अमेरिका ने अन्य देशों से भी अपील की है कि वे इस दिशा में कदम उठाएं और सुरक्षा संबंधी चिंताओं का समाधान करें।