प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्डों का ई-वितरण
“प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 27 दिसंबर 2024 को एक ऐतिहासिक पहल के तहत 58 लाख स्वामित्व संपत्ति कार्डों का ई-वितरण किया। इस आयोजन का उद्देश्य ग्रामीण संपत्ति मालिकों को उनकी संपत्तियों पर कानूनी स्वामित्व प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना था। यह कार्यक्रम डिजिटल माध्यम से आयोजित किया गया और इसमें देश भर से लाभार्थियों ने भाग लिया।”
स्वामित्व योजना का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवादों को कम करना और संपत्ति मालिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करना है। इस योजना के तहत, ग्रामीण क्षेत्रों में घरों और भूमि का ड्रोन सर्वेक्षण कर डिजिटल नक्शे बनाए जाते हैं। इसके बाद, संपत्ति मालिकों को उनकी संपत्ति का एक कानूनी दस्तावेज, जिसे स्वामित्व संपत्ति कार्ड कहते हैं, प्रदान किया जाता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “स्वामित्व योजना से ग्रामीण भारत में विकास को नई दिशा मिलेगी। यह योजना न केवल संपत्ति मालिकों को सशक्त बनाएगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।” उन्होंने यह भी बताया कि यह पहल भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने और ग्रामीण विकास में पारदर्शिता लाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लाभार्थियों ने स्वामित्व योजना की सराहना की। उत्तर प्रदेश के एक लाभार्थी ने कहा, “स्वामित्व कार्ड मिलने से मुझे अपनी संपत्ति का कानूनी अधिकार मिला है। अब मैं बैंक से लोन ले सकता हूँ और अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित बना सकता हूँ।”
स्वामित्व योजना प्रधानमंत्री मोदी की डिजिटल इंडिया पहल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस योजना के माध्यम से न केवल संपत्ति के रिकॉर्ड को डिजिटली संरक्षित किया जा रहा है, बल्कि ग्रामीण भारत को भी डिजिटल तकनीक से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।
स्वामित्व कार्ड के माध्यम से ग्रामीण संपत्ति मालिक बैंकों से लोन ले सकते हैं और अपने व्यवसाय या शिक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। यह ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।
सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में इस योजना के तहत सभी पात्र लाभार्थियों को जोड़ा जाए और ग्रामीण क्षेत्रों में संपत्ति विवादों को समाप्त किया जाए। इस पहल से सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों के विकास और योजना निर्माण में भी मदद मिलेगी।