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भारत से विवाद के बाद कनाडा में जस्टिन ट्रूडो की छुट्टी? पार्टी के सदस्यों ने मांगा इस्तीफा, 28 अक्टूबर की डेडलाइन

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के विवादास्पद बयानों के बाद, कनाडा में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। अब, उनकी ही पार्टी के सदस्यों ने ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग की है, जिसके लिए 28 अक्टूबर की डेडलाइन तय की गई है।

क्या है विवाद?

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक बयान में कहा था कि भारत ने एक कनाडाई नागरिक के हत्या में संलिप्तता रखी है। इस बयान के बाद भारत और कनाडा के बीच संबंधों में खटास आ गई है। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज करते हुए इसे ‘बेतुका’ बताया है और कनाडा से यह भी कहा है कि इस मामले में बिना सबूत के बयान देना ठीक नहीं है।

पार्टी के सदस्यों की प्रतिक्रिया

जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी के कुछ सदस्यों ने उनके नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए इस्तीफे की मांग की है। पार्टी के भीतर असंतोष बढ़ता जा रहा है, खासकर उन नेताओं के बीच जो मानते हैं कि ट्रूडो का यह कदम कनाडा की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा सकता है।

कई नेताओं ने पार्टी के भीतर एकजुटता बनाए रखने की जरूरत पर जोर दिया है और स्पष्ट किया है कि अगर ट्रूडो ने 28 अक्टूबर तक इस्तीफा नहीं दिया, तो पार्टी में और अधिक असंतोष उत्पन्न हो सकता है।

क्या होगा अगला कदम?

अगर ट्रूडो ने इस्तीफा नहीं दिया, तो उनके खिलाफ पार्टी के सदस्यों के बीच और दबाव बढ़ सकता है। इसके अलावा, विपक्षी दल भी इस मुद्दे का फायदा उठाते हुए ट्रूडो की सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे। इससे पहले भी कई बार ट्रूडो पर सवाल उठ चुके हैं, लेकिन यह विवाद उनके लिए सबसे चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।

कनाडा के लिए महत्व

इस विवाद का कनाडा के लिए महत्व इसलिए भी बढ़ गया है क्योंकि यह न केवल ट्रूडो की सरकार की स्थिरता को प्रभावित कर सकता है, बल्कि इससे कनाडा और भारत के बीच के संबंध भी प्रभावित होंगे। दोनों देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों की मजबूत नींव है, और इस विवाद ने उन्हें तनाव में डाल दिया है।

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