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रूस में जाते ही ढेर होने लगे किम जोंग के लड़ाके: उत्तर कोरिया के 40 एलीट सैनिक मारे गए, सिरकटी लाशों के नीचे छिपकर बचाई जान

रूस में तैनात किए गए उत्तर कोरिया के 40 एलीट सैनिकों की हत्या कर दी गई, जिससे दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग में खलबली मच गई है। उत्तर कोरिया के सर्वोच्च नेता किम जोंग-उन ने कुछ समय पहले रूस को अपने विशेष सैनिकों की एक टुकड़ी भेजी थी, लेकिन वहां पहुँचते ही उन पर हमला हो गया, जिसमें बड़ी संख्या में सैनिक मारे गए।

सूत्रों के अनुसार, उत्तर कोरियाई सैनिकों का यह दल रूस के साथ रक्षा सहयोग के तहत भेजा गया था। इन सैनिकों का उद्देश्य रूस के विशेष अभियानों में सहयोग करना था। लेकिन, रूस पहुंचते ही इन पर एक घातक हमला हुआ, जिसमें 40 सैनिक मारे गए। घटना की भयावहता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कुछ सैनिकों ने अपनी जान बचाने के लिए मारे गए साथियों की सिरकटी लाशों के नीचे छिपने का प्रयास किया।

अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि यह हमला किसने किया, लेकिन कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह हमला किसी विद्रोही समूह या रूस में सक्रिय अज्ञात दुश्मन गुट द्वारा किया गया हो सकता है। घटना के पीछे किसका हाथ है, इसको लेकर कई अटकलें लगाई जा रही हैं, और रूस की खुफिया एजेंसियाँ इसकी जांच में जुटी हुई हैं।

उत्तर कोरिया और रूस के बीच सैन्य सहयोग को लेकर हाल के दिनों में नजदीकी बढ़ी थी, और किम जोंग-उन ने कुछ समय पहले ही रूस की यात्रा की थी। यह हमला दोनों देशों के बीच सहयोग को कमजोर कर सकता है और भविष्य में उत्तर कोरिया से सैनिक भेजने को लेकर सवाल खड़े कर सकता है।

उत्तर कोरिया के लिए ये सैनिक किम जोंग-उन की “एलीट फोर्स” का हिस्सा माने जाते हैं, और उनकी इस तरह की हत्या ने उत्तर कोरिया में रोष और चिंता पैदा कर दी है। किम जोंग-उन की सेना के ये सैनिक विशेष रूप से प्रशिक्षित और कट्टर निष्ठावान माने जाते थे, जो विभिन्न देशों में अपनी कुशलता और समर्पण के लिए जाने जाते हैं। इस हमले ने उत्तर कोरिया की सैन्य शक्ति और रूस के साथ उसके संबंधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

रूस के लिए यह घटना एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि यह उसकी सुरक्षा व्यवस्था की कमजोरी को उजागर करती है। वहीं, उत्तर कोरिया के लिए यह घटना उसके सैनिकों की सुरक्षा और किम जोंग-उन की प्रतिष्ठा के लिए गंभीर चुनौती बन गई है।

इस हमले का असर उत्तर कोरिया और रूस के बीच जारी सैन्य संबंधों पर पड़ सकता है। दोनों देशों के नेताओं को अपने सैनिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और अपने गठजोड़ को मजबूत बनाने के लिए आपसी विश्वास बढ़ाने की आवश्यकता है। उत्तर कोरिया की सरकार इस घटना पर प्रतिक्रिया में जल्द ही कड़ा कदम उठा सकती है।

रूस में हुई इस भयावह घटना ने वैश्विक सैन्य समीकरणों को भी प्रभावित किया है, और इससे रूस और उत्तर कोरिया के संबंधों में एक नया मोड़ आ सकता है।

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