जीवनशैली

सावधान! धूम्रपान नहीं करने वालों में भी बढ़ रहा फेफड़ों का कैंसर, जानिए वजह और बचाव के तरीके

नई दिल्ली: अब तक फेफड़ों के कैंसर को मुख्य रूप से धूम्रपान से जुड़ी बीमारी माना जाता था, लेकिन हाल के वर्षों में ऐसे मामलों की संख्या तेजी से बढ़ी है, जहां धूम्रपान नहीं करने वाले लोगों में भी यह घातक बीमारी पाई जा रही है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इसके पीछे कई अन्य कारण जिम्मेदार हैं, जिनसे बचाव बेहद जरूरी हो गया है।

धूम्रपान नहीं करने वालों में फेफड़ों का कैंसर क्यों बढ़ रहा है?

विशेषज्ञों के अनुसार, धूम्रपान न करने के बावजूद फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ने के पीछे कई मुख्य कारण हो सकते हैं:

1. वायु प्रदूषण

शहरों में बढ़ता एयर पॉल्यूशन फेफड़ों की बीमारियों का एक बड़ा कारण बन रहा है। वाहनों से निकलने वाला धुआं, इंडस्ट्रियल गैसें और धूल-कण लंबे समय तक सांस के जरिए शरीर में जाने से कैंसर की संभावना बढ़ जाती है।

2. पैसिव स्मोकिंग (परोक्ष धूम्रपान)

अगर आप धूम्रपान नहीं भी करते, लेकिन किसी स्मोकर के पास रहते हैं या ऐसे माहौल में समय बिताते हैं, तो पैसिव स्मोकिंग से आपके फेफड़ों को नुकसान हो सकता है।

3. रेडॉन गैस का प्रभाव

रेडॉन एक रेडियोएक्टिव गैस है, जो मिट्टी और चट्टानों में पाई जाती है। यह गैस दीवारों और फर्शों में दरारों के जरिए घरों में प्रवेश कर सकती है और लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से कैंसर का खतरा बढ़ सकता है।

4. अस्वस्थ जीवनशैली और खानपान

प्रोसेस्ड फूड, ज्यादा तला-भुना खाना और पोषक तत्वों की कमी से भी फेफड़ों की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। शरीर में एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी होने पर कैंसर सेल्स बढ़ने की संभावना रहती है।

5. जेनेटिक कारण

अगर परिवार में किसी को फेफड़ों का कैंसर रहा हो, तो अनुवांशिक कारणों से भी इसका खतरा बढ़ सकता है।

कैसे करें बचाव?

स्वच्छ हवा में सांस लें: घर में एयर प्यूरिफायर का इस्तेमाल करें और जब भी बाहर जाएं, मास्क पहनें।
धूम्रपान करने वालों से दूरी बनाएं: पैसिव स्मोकिंग से बचने के लिए ऐसे लोगों के पास कम समय बिताएं।
हेल्दी डाइट अपनाएं: हरी सब्जियां, फल, और एंटीऑक्सीडेंट युक्त फूड्स (जैसे अखरोट, हल्दी, लहसुन) का सेवन करें।
व्यायाम करें: रोजाना योग और प्राणायाम से फेफड़ों की सेहत को मजबूत किया जा सकता है।
रेडॉन गैस की जांच करवाएं: अगर आप ऐसे इलाके में रहते हैं, जहां रेडॉन गैस का खतरा हो सकता है, तो घर की जांच करवाएं।

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