हमास ने अस्थायी युद्धविराम समझौता करने से किया इनकार, मध्यस्थों को झटका; पुरानी मांगें दोहराईं
इजराइल-गाजा संघर्ष के बीच, हमास ने अस्थायी युद्धविराम के किसी भी समझौते से इनकार कर दिया है। इस कदम से मध्यस्थ देशों को झटका लगा है, जो संघर्षविराम की कोशिशों में जुटे थे। हमास ने एक बार फिर अपनी पुरानी मांगों को दोहराते हुए कहा है कि संघर्ष तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी शर्तों को पूरा नहीं किया जाता।
मध्यस्थों के प्रयासों को झटका
कई देशों के मध्यस्थ हमास और इजराइल के बीच संघर्षविराम समझौते को लेकर सक्रिय थे। हाल के हफ्तों में कतर, मिस्र, और तुर्की जैसे देशों ने इस तनाव को कम करने के लिए कूटनीतिक प्रयास किए, लेकिन हमास ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इजराइल के साथ अस्थायी शांति के लिए तैयार नहीं है। हमास का यह रुख मध्यस्थ देशों की पहल के लिए एक बड़ा झटका है, जो गाजा में हिंसा को रोकने और मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए संघर्षविराम को आवश्यक मानते हैं।
हमास ने दोहराईं पुरानी मांगें
हमास ने अपने बयान में अपनी पुरानी मांगों को दोहराया, जिसमें गाजा की नाकाबंदी हटाना, फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई, और इजराइल द्वारा गाजा में किए जा रहे हवाई हमलों को तुरंत रोकना शामिल है। हमास के एक प्रवक्ता ने कहा कि उनकी यह मांगें संघर्ष की मूल जड़ हैं, और जब तक इन्हें पूरा नहीं किया जाता, किसी भी अस्थायी शांति का कोई आधार नहीं हो सकता।
क्षेत्रीय स्थिरता पर बढ़ता संकट
हमास के इस इनकार ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है। गाजा में नागरिकों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब हो रही है, और हिंसा की वजह से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। इस बीच, संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने दोनों पक्षों से संयम बरतने और शांति वार्ता में हिस्सा लेने की अपील की है, ताकि मानवीय संकट को टाला जा सके।
संघर्ष के बढ़ने की आशंका
विश्लेषकों का मानना है कि हमास का यह रुख इजराइल के साथ संघर्ष को और तीव्र कर सकता है। इजराइल पहले ही गाजा पर बड़े पैमाने पर हमले कर चुका है, और हमास के इनकार के बाद इजराइल भी अपने सैन्य कदम बढ़ा सकता है। इस संघर्ष के बढ़ने से मध्यपूर्व की स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है और क्षेत्रीय शांति प्रक्रिया भी प्रभावित हो सकती है।