हाथ में कलावा, मंदिर में जाकर खाई जलेबी: कनाडा में चुनाव से पहले जस्टिन ट्रूडो को याद आ रहे हैं हिंदू!
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में एक हिंदू मंदिर का दौरा किया, जहां उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान में भाग लिया और जलेबी का स्वाद लिया। यह दौरा चुनावी मौसम के ठीक पहले हुआ है, जिससे यह सवाल उठता है कि क्या ट्रूडो हिंदू समुदाय को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।
हाथ में कलावा और धार्मिक अनुष्ठान
ट्रूडो ने मंदिर में हाथ में कलावा बांधकर पूजा-अर्चना की, जो भारतीय संस्कृति में आस्था और समर्पण का प्रतीक है। इस मौके पर उन्होंने भारतीय समुदाय के लोगों से मिलकर उनके साथ जलेबी का आनंद लिया। यह दृश्य कनाडा के राजनीतिक परिदृश्य में एक महत्वपूर्ण संकेत के रूप में देखा जा रहा है, जहां ट्रूडो अपने हिंदू मतदाताओं को संतुष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनावी रणनीति या वास्तविकता?
जस्टिन ट्रूडो का यह मंदिर दौरा चुनावी रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है। कनाडा में आगामी चुनावों को देखते हुए, ट्रूडो को पता है कि हिंदू समुदाय एक महत्वपूर्ण वोट बैंक है। पिछले कुछ समय से ट्रूडो सरकार की नीतियों और कार्यों को लेकर भारतीय समुदाय में असंतोष बढ़ा है, खासकर खालिस्तान समर्थकों के मुद्दे को लेकर। ऐसे में इस दौरे को उनकी सरकार की छवि सुधारने का प्रयास माना जा रहा है।
भारतीय समुदाय का रुख
ट्रूडो के इस दौरे पर भारतीय समुदाय की प्रतिक्रिया मिश्रित रही है। कुछ लोग इसे सकारात्मक कदम मानते हैं, जबकि अन्य इसे सिर्फ चुनावी स्टंट के रूप में देख रहे हैं। कनाडा में हिंदू और सिख समुदाय के लोगों ने अक्सर ट्रूडो सरकार की नीतियों की आलोचना की है, विशेष रूप से जब उन्होंने खालिस्तानियों के मुद्दे पर कुछ संतुलन बनाने का प्रयास किया।
भविष्य की संभावनाएं
कनाडा में हिंदू समुदाय का वोट महत्वपूर्ण है, और ट्रूडो सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वे इस समुदाय की चिंताओं को समझें और उन्हें समाधान प्रदान करें। अगर ट्रूडो अगले चुनाव में सफल होना चाहते हैं, तो उन्हें अपनी नीतियों को ऐसे ढंग से पेश करना होगा कि भारतीय समुदाय को संतुष्ट किया जा सके।
