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26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा की एनआईए हिरासत 12 दिन और बढी

"तहव्वुर राणा की एनआईए हिरासत का बढ़ना भारत सरकार के उस संकल्प को दर्शाता है, जिसके तहत 26/11 मुंबई हमलों के सभी दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास जारी है। आने वाले दिनों में तहव्वुर राणा से और भी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलने की उम्मीद है, जो भारत की आतंकवाद विरोधी लड़ाई को मजबूत कर सकती हैं।"

तहव्वुर राणा एनआईए हिरासत: अदालत ने 12 दिन की और पूछताछ की मंजूरी दी

26/11 मुंबई आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की हिरासत को दिल्ली की एक विशेष अदालत ने 12 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। एनआईए ने अदालत को बताया कि तहव्वुर राणा पूछताछ में सहयोग नहीं कर रहा है और सवालों के जवाब टाल रहा है।

एनआईए ने क्यों मांगी थी तहव्वुर राणा की हिरासत?

एनआईए के वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन और विशेष लोक अभियोजक नरेंद्र मान ने अदालत में दलील दी कि तहव्वुर राणा से और गहन पूछताछ जरूरी है। एनआईए के अनुसार, राणा से अभी कई अहम जानकारियां मिलनी बाकी हैं, जो 26/11 हमलों की साजिश और उसके सहयोगियों की भूमिका को उजागर कर सकती हैं।

राणा की ओर से क्या कहा गया?

राणा के वकील पीयूष सचदेव ने अतिरिक्त हिरासत का विरोध करते हुए अदालत से कहा कि तहव्वुर राणा से पूछताछ में अब कोई नई जानकारी नहीं मिल रही है और और हिरासत की आवश्यकता नहीं है। बावजूद इसके, एनआईए के विशेष न्यायाधीश चरण जीत सिंह ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद तहव्वुर राणा को 12 दिन की एनआईए हिरासत में भेजने का आदेश दिया।

तहव्वुर हुसैन राणा का बैकग्राउंड

तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी-कनाडाई नागरिक है। वह पहले पाकिस्तान सेना में डॉक्टर के रूप में कार्यरत था। 1990 के दशक में वह कनाडा चला गया और वर्ष 2001 में कनाडाई नागरिकता प्राप्त की। इसके बाद वह अमेरिका के शिकागो में बस गया, जहां उसने कई व्यवसायों की शुरुआत की, जिनमें एक इमिग्रेशन कंसल्टेंसी भी शामिल थी।

कैसे हुआ तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण?

अमेरिका में उसे भारत की ओर से प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद गिरफ्तार किया गया था। कई कानूनी प्रक्रियाओं के बाद उसे अप्रैल 2025 में भारत लाया गया। भारत सरकार का मानना है कि तहव्वुर राणा ने मुंबई हमलों की योजना बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

मुंबई आतंकी हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका

2008 में हुए 26/11 मुंबई हमलों में तहव्वुर राणा का नाम उन व्यक्तियों की सूची में था जिन्हें भारत दोषी मानता है। इस आतंकी हमले में पाकिस्तान आधारित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने भारत के सबसे व्यस्त शहर मुंबई पर हमला किया था, जिसमें 170 से ज्यादा लोग मारे गए थे और सैकड़ों लोग घायल हुए थे। हमलों ने पूरे विश्व को हिला कर रख दिया था।

भारत सरकार का रुख

भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि 26/11 हमलों के सभी दोषियों को कानून के दायरे में लाया जाए। तहव्वुर राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया और वर्तमान में चल रही एनआईए पूछताछ इसी कड़ी का हिस्सा है। सरकार का मानना है कि राणा से पूछताछ कर हमले से जुड़े कई गहरे रहस्यों से पर्दा उठाया जा सकता है।

आगे की कार्यवाही

एनआईए अब तहव्वुर राणा से हमले की योजना, अन्य सहयोगियों और संभावित आतंकियों के नेटवर्क के बारे में और जानकारी हासिल करने की कोशिश करेगी। एनआईए की नजर राणा के उन विदेशी संपर्कों पर भी है, जिनके जरिए आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया गया।

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