प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की यात्रा: ग्लोबल साउथ और BRICS में भारत की भागीदारी को मिलेगा नया बल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पांच देशों की यात्रा: वैश्विक सहयोग की दिशा में भारत का सशक्त कदम
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी 2 जुलाई 2025 से 9 जुलाई 2025 तक की एक महत्वपूर्ण पांच देशों की विदेश यात्रा पर रवाना हो चुके हैं। इस यात्रा का उद्देश्य है – ग्लोबल साउथ के साथ भारत की साझेदारी को मजबूत करना, द्विपक्षीय संबंधों को विस्तार देना, और BRICS शिखर सम्मेलन 2025 में भारत की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना। यह यात्रा वैश्विक राजनीति, व्यापार और विकास सहयोग के लिहाज से भारत के लिए रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाती है।“
1. घाना (2–3 जुलाई): अफ्रीकी साझेदारी को नया आयाम
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा का पहला पड़ाव है घाना। यह दौरा घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रमानी महामा के आमंत्रण पर हो रहा है। भारत और घाना के बीच संबंध अफ्रीका के साथ भारत की नीति का हिस्सा हैं।
प्रमुख एजेंडा:
- घाना की संसद को पीएम मोदी करेंगे संबोधित
- ऊर्जा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, निवेश और विकास सहयोग पर चर्चा
- अफ्रीकी यूनियन और ECOWAS के साथ जुड़ाव को मजबूती
यह यात्रा अफ्रीका के साथ भारत की “विकास भागीदारी नीति” को सशक्त करने की दिशा में अहम मानी जा रही है।
2. त्रिनिदाद और टोबैगो (3–4 जुलाई): सांस्कृतिक संबंधों को नई ऊर्जा
प्रधानमंत्री की दूसरी यात्रा त्रिनिदाद और टोबैगो होगी, जहां वे राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर से मिलेंगे।
मुख्य बिंदु:
- भारतीय प्रवासियों की विरासत को सम्मान
- सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान पर बल
- क्षेत्रीय संगठन CARICOM के साथ सहयोग की संभावनाएं
यह यात्रा भारत और कैरेबियन क्षेत्र के बीच संबंधों में एक नई जान फूंकने का काम करेगी।
3. अर्जेंटीना (4 जुलाई): 57 वर्षों में पहली द्विपक्षीय यात्रा
प्रधानमंत्री मोदी 4 जुलाई को अर्जेंटीना पहुंचेंगे। यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की 57 वर्षों में पहली द्विपक्षीय यात्रा होगी।
प्रमुख विषय:
- राष्ट्रपति जेवियर मिलेई से भेंट
- कृषि, ऊर्जा, खनिज, विज्ञान और पर्यटन में सहयोग
- निवेश और व्यापार को गति देना
भारत और अर्जेंटीना G20 सहयोगी भी हैं और यह यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करेगी।
4. ब्राजील (6–7 जुलाई): BRICS शिखर सम्मेलन 2025 में भारत की भूमिका
6-7 जुलाई को प्रधानमंत्री ब्राजील के रियो डी जेनेरियो में BRICS शिखर सम्मेलन 2025 में भाग लेंगे। यह सम्मेलन उभरती अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक प्रभावशाली मंच बन चुका है।
प्रमुख एजेंडा:
- सदस्य देशों के साथ वैश्विक मुद्दों पर विचार
- जलवायु परिवर्तन, आर्थिक विकास, और अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर चर्चा
- ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा से द्विपक्षीय बैठक
यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की करीब छह दशकों में पहली ब्राजील यात्रा होगी।
5. नामीबिया (8–9 जुलाई): ऐतिहासिक संबंधों की पुनर्पुष्टि
यात्रा का अंतिम पड़ाव होगा नामीबिया, जहां प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति डॉ. नेतुम्बो नांदी-नडाइटवाह से मिलेंगे।
चर्चा के विषय:
- संसद के संयुक्त सत्र को पीएम मोदी करेंगे संबोधित
- उपनिवेशवाद के खिलाफ साझा इतिहास
- ऊर्जा, विज्ञान और जैव विविधता संरक्षण में सहयोग
यह यात्रा अफ्रीका में भारत की पुनः सक्रिय विदेश नीति का प्रमाण है।
BRICS और ग्लोबल साउथ: भारत की रणनीतिक भूमिका
प्रधानमंत्री मोदी ने रवाना होने से पहले कहा:
“यह यात्रा ग्लोबल साउथ के साथ भारत की मित्रता को मजबूत करेगी, अटलांटिक के दोनों ओर साझेदारी को गहरा करेगी और भारत की बहुपक्षीय भूमिका को सशक्त बनाएगी।”
भारत BRICS का संस्थापक सदस्य होने के नाते, उभरती अर्थव्यवस्थाओं के बीच विश्वसनीय साझेदार के रूप में स्थापित हो चुका है।
इस यात्रा के संभावित प्रभाव
- भारत की ग्लोबल साउथ नीति को नई ऊर्जा
- अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में भारत की उपस्थिति और स्वीकार्यता में वृद्धि
- प्रवासी भारतीय समुदाय के साथ जुड़ाव
- व्यापार, निवेश, और तकनीक साझेदारी को गति
- BRICS मंच पर भारत की लीडरशिप को मजबूती
भारत का वैश्विक दृष्टिकोण और आत्मविश्वास
प्रधानमंत्री मोदी की यह पांच देशों की यात्रा 2025 में भारत की वैश्विक रणनीति, आर्थिक सहयोग, और दक्षिण-दक्षिण साझेदारी को मजबूती देने वाली साबित हो सकती है। यह यात्रा न केवल भारत के कूटनीतिक कौशल का प्रदर्शन है, बल्कि एक सशक्त और आत्मनिर्भर भारत की छवि को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का भी माध्यम है।
