क्वाड देशों की बैठक में पहलगाम हमले की निंदा, आतंकवाद के खिलाफ साझा रणनीति पर जोर
क्वाड देशों की बैठक: पहलगाम हमले की निंदा और वैश्विक आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रुख
“क्वाड देशों की बैठक में एक बार फिर आतंकवाद के खिलाफ साझा रुख और रणनीतिक सहयोग की प्रतिबद्धता को दोहराया गया। यह बैठक अमेरिका के वॉशिंगटन में आयोजित की गई, जिसमें भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इस बार बैठक की शुरुआत ही एक दुखद घटना पर प्रतिक्रिया से हुई – जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा के साथ।”
पहलगाम आतंकी हमले पर क्वाड की कड़ी प्रतिक्रिया
विदेश मंत्रियों ने संयुक्त बयान में इस हमले को "घृणित" करार दिया और दोषियों को न्याय दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हमले के पीछे जो भी लोग जिम्मेदार हैं – चाहे वे योजनाकार हों, फंडिंग करने वाले हों या हमलावर – उन्हें तुरंत सजा मिलनी चाहिए। सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों से अंतरराष्ट्रीय कानूनों और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के अनुरूप सहयोग करने की अपील भी की गई।
इस हमले में 25 भारतीय और 1 नेपाली नागरिक की मौत हुई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट कहा कि "भारत को अपने नागरिकों की रक्षा का पूरा अधिकार है, और हम इस अधिकार का प्रयोग करेंगे। हमें उम्मीद है कि हमारे क्वाड साझेदार इस बात को समझेंगे।"
क्वाड की रणनीतिक प्राथमिकताएं: सुरक्षा, तकनीक और आपदा प्रबंधन
क्वाड देशों की बैठक में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र को सुरक्षित और समृद्ध बनाने के लिए कई नई योजनाएं घोषित की गईं। बैठक में चार प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया गया:
- समुद्री और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा
- आर्थिक समृद्धि और आपूर्ति शृंखला की सुरक्षा
- उभरती तकनीक और डिजिटल सहयोग
- आपदा राहत और मानवीय सहायता
क्वाड लॉजिस्टिक्स नेटवर्क और पोर्ट्स साझेदारी
बैठक में “क्वाड इंडो-पैसिफिक लॉजिस्टिक्स नेटवर्क” शुरू करने का निर्णय लिया गया। इसके तहत आपदा के समय तेजी से और समन्वित राहत और बचाव कार्य किए जा सकेंगे। यह क्वाड देशों की आपसी प्रतिक्रिया क्षमता को और मजबूत करेगा।
साथ ही, मुंबई में “क्वाड पोर्ट्स ऑफ द फ्यूचर पार्टनरशिप” कार्यक्रम शुरू करने पर सहमति बनी, जिससे बंदरगाहों की कनेक्टिविटी और तकनीकी क्षमताएं बेहतर होंगी।
आपूर्ति शृंखला सुरक्षा: महत्वपूर्ण खनिजों पर जोर
क्वाड देशों ने आपूर्ति शृंखलाओं को सुरक्षित करने के लिए “क्वाड क्रिटिकल मिनरल्स इनिशिएटिव” की घोषणा की। यह पहल उन महत्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति को विविधतापूर्ण और सुरक्षित बनाने पर केंद्रित है, जो तकनीकी उपकरणों और ऊर्जा उत्पादन के लिए आवश्यक हैं।
दक्षिण चीन सागर और उत्तर कोरिया पर चिंता
बैठक में दक्षिण चीन सागर और पूर्वी चीन सागर में यथास्थिति को बलपूर्वक बदलने के प्रयासों की आलोचना की गई। जल तोपों के उपयोग, नौवहन और उड़ान की स्वतंत्रता में बाधा, और टकरावकारी सैन्य गतिविधियों को क्षेत्र की शांति के लिए खतरा बताया गया।
उत्तर कोरिया की परमाणु और मिसाइल गतिविधियों की भी कड़ी निंदा की गई। क्वाड देशों ने उस पर अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करने और परमाणु हथियार कार्यक्रम को समाप्त करने का दबाव डाला। इसके साथ ही, उत्तर कोरिया द्वारा साइबर अपराध और क्रिप्टो चोरी से फंड जुटाने की गतिविधियों पर भी गंभीर चिंता जताई गई।
म्यांमार संकट पर भी क्वाड की अपील
म्यांमार में जारी सैन्य संकट को लेकर भी क्वाड देशों ने चिंता जताई। उन्होंने सभी पक्षों से युद्धविराम लागू करने, उसे विस्तार देने और वहां स्थायी शांति बहाल करने की अपील की।
आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन और भारत की भूमिका
बैठक में इस वर्ष के अंत में भारत में आयोजित होने वाले क्वाड शिखर सम्मेलन पर भी चर्चा हुई। इसकी मेजबानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे। इस शिखर सम्मेलन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज और जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा भाग लेंगे।
“क्वाड देशों की बैठक ने यह स्पष्ट कर दिया है कि आतंकवाद, क्षेत्रीय अस्थिरता और आपदा प्रबंधन जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने के लिए साझा रणनीति आवश्यक है। पहलगाम हमले पर एकजुट निंदा और दोषियों को सजा दिलाने की मांग वैश्विक सहयोग की आवश्यकता को दर्शाती है। क्वाड की योजनाएं केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं, बल्कि तकनीक, व्यापार, और मानवीय सहायता तक फैली हुई हैं – जो कि एक समग्र और मजबूत इंडो-पैसिफिक भविष्य की ओर कदम है।”
