कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों को कड़ी चेतावनी दी
कृषि मंत्री का सख्त रुख: किसानों के हित में काम सुनिश्चित करेंगे
“केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को नई दिल्ली के कृषि भवन में एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान अधिकारियों को बायोस्टिमुलेंट की बिक्री को लेकर कड़ी हिदायत दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसान सर्वोपरि हैं, और किसी भी परिस्थिति में उनका शोषण नहीं होने दिया जाएगा। शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा, “हम किसानों के साथ किसी भी हालत में धोखा नहीं होने देंगे। बायोस्टिमुलेंट के मामलों में किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।” उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि वे किसानों की सूरत को ध्यान में रखते हुए ही कोई भी अनुमति दें, ताकि छोटे किसानों के साथ कोई अन्याय न हो।”
किसानों के साथ मिली शिकायतों का गंभीरता से संज्ञान लिया
यह बैठक ऐसे समय में हुई जब केंद्रीय कृषि मंत्री ने 'विकसित कृषि संकल्प अभियान' के दौरान सीधे किसानों से बात की थी। इस दौरान उन्हें नकली खाद, बीज, उर्वरक और बायोस्टिमुलेंट की बिक्री से जुड़ी कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं। मंत्री ने इन शिकायतों को गंभीरता से लिया और कहा कि भारत के छोटे किसानों के हित के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा, "भोले-भाले किसानों से ऐसी शिकायतें मिलना मेरी चुप रहने की स्थिति नहीं है। मैं किसानों के साथ पूरी तरह से न्याय करूंगा।"
बायोस्टिमुलेंट की बिक्री पर चिंता जताई
सवाल उठाते हुए शिवराज सिंह चौहान ने बैठक में कहा, "कई सालों से बायोस्टिमुलेंट बिक रहा है, लेकिन किसानों को कोई खास लाभ नहीं मिल रहा है। इसके बावजूद ये उत्पाद बिकते रहे हैं, जो एक गंभीर मुद्दा है।" उन्होंने अधिकारियों से कहा, "अब कोई भी ऐसा उत्पाद बायोस्टिमुलेंट नहीं बिकेगा, जो वैज्ञानिक प्रमाणों और किसानों के हित में न हो।" उन्होंने आईसीएआर (Indian Council of Agricultural Research) से बायोस्टिमुलेंट उत्पादों का सख्त परीक्षण करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि, "बायोस्टिमुलेंट का परीक्षण कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किया जाए और यह देखा जाए कि यह किसान के लिए लाभकारी है या नहीं।"
लापरवाही और बायोस्टिमुलेंट उत्पादों का नियंत्रण
कृषि मंत्री ने अमरीकी अधिकारियों से पूछा, “क्या इस बायोस्टिमुलेंट की विकास के कारण कोई वास्तविक लाभ हुआ है? क्या यह उत्पादन बढ़ाने में सहायक कर रहा है?
" उन्होंने यह भी बताया कि 4 वर्षों से बायोस्टिमुलेंट उत्पादों की बिक्री बढ़ती जा रही था, जब जबकि अधिकारियों ने इस पर कोई आपत्ति नहीं उठाई थी। इससे उनकी नाराजगी साफ दिखी। चौहान ने स्पष्ट रूप से कहा कि अब से वही बायोस्टिमुलेंट उत्पाद बिकेंगे जो वैज्ञानिक प्रमाणों और मानकों पर खरे उतरेंगे। उन्होंने अधिकारियों से कहा, "अब किसी भी कीमत पर किसान के नुकसान का कारण नहीं बनने देंगे।"
कृषि मंत्री का संदेश: किसानों के भरोसे को कभी टूटने न दें
कृषि मंत्री ने कहा कि देश के किसान हम पर पूरा भरोसा करते हैं, और आईसीएआर पर भी उनका विश्वास है। यह हम सब की जवाबदारी है कि हम किसानों की भलाई के लिए काम करें। उन्होंने अधिकारियों और वैज्ञानिकों से यह भी कहा कि उन्हें किसानों की वश्यकताओं के अनुसार काम करना चाहिए और उनकी भलाई के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।
शिवराज सिंह का आदेश: किसानों की चिंता करें, कंपनियों की नहीं
कार्यक्रम के दौरान शिवराज सिंह ने अधिकारियों से कहा कि वे कंपनियों की चिंता नहीं करें, केवल किसानों के हित में। उन्होंने कहा, "किसान हमारे लिए सर्वोपरि हैं, और हमें उनकी सुरक्षा, भलाई और उनके हितों को प्राथमिकता देनी चाहिए।"
किसानों के हित में कार्रवाई होगी
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बायोस्टिमुलेंट की बिक्री पर अधिकारियों से कड़े निर्देश दिए हैं कि वे अब केवल उन्हीं उत्पादों को अनुमति देंगे जो किसानों के लिए वास्तविक रूप से लाभकारी साबित होते हैं। उनकी इस पहल यह सुनिश्चित करेगी कि किसान कभी धोखा न खाएं, और कृषि क्षेत्र में सुधार हो। यह फैसला किसानों के भरोसे को बनाए रखने और कृषि क्षेत्र में सही दिशा में काम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
