वन महोत्सव 2025: दिल्ली को हरा-भरा बनाने के लिए 70 लाख पौधों का लक्ष्य, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अपील
वन महोत्सव 2025: दिल्ली में 70 लाख पौधों का लक्ष्य, पर्यावरण संरक्षण को बनाया जाएगा जन आंदोलन
“नई दिल्ली — दिल्ली सरकार ने राजधानी को प्रदूषण स्वतंत्र, हरित और सतत विकास की दिशा में आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल की है। इसके तहत ‘वन महोत्सव 2025’ का भव्य आयोजन किया गया, जिसमें दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, उच्च न्यायपालिका के कई न्यायाधीश, और अन्य विशिष्ट व्यक्ति शामिल हुए। इस अवसर पर दिल्ली को हरा-भरा बनाने के लिए पौधारोपण के माध्यम से आमंत्रण किया गया।”
वन महोत्सव 2025 का लक्ष्य
वन महोत्सव
2025 दिल्ली के अधीन राजधानी में
70 लाख पौधे पौधरोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। यह एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि इसे एक जन आंदोलन के रूप में बदलने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
इस आयोजन की प्रमुख बातें:
- राष्ट्रपति एस्टेट स्थित 11 विलिंगडन क्रिसेंट पर पौधारोपण कार्यक्रम
- दिल्ली सरकार द्वारा व्यापक जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत
- बच्चों, युवाओं, अधिकारियों और आम नागरिकों से भागीदारी की अपील
‘एक पेड़ मां के नाम’ से प्रेरणा
प्रेरणा इस अभियान की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान से ली जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस भावना को अपनाते हुए दिल्लीवासियों से कहा:
“प्रकृति मां के समान है, और एक पेड़ लगाना मां के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।”
पर्यावरण संरक्षण: सभी की जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने स्पष्ट कहा कि:
“पर्यावरण की रक्षा सरकार का काम नहीं है। यह हर नागरिक का नैतिक और सामाजिक दायित्व है।”
उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे अपने घर, कॉलोनी, स्कूल, कॉलेज, पार्क और ऑफिस में अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें।
कौन-कौन हुआ शामिल?
इस कार्यक्रम में दिल्ली उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय हरित अधिकरण
(NGT) के वरिष्ठ न्यायाधीशों ने भी भाग लिया:
- मुख्य न्यायाधीश डी. के. उपाध्याय
- न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव (NGT अध्यक्ष)
- जस्टिस नवीन चावला, ज्योति सिंह, अनूप भंभानी, अरुण त्यागी
इन सभी हस्तियों ने भी पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का समर्थन किया और आम नागरिकों को प्रेरित किया।
पौधारोपण करने से क्या फायदे हैं?
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जैसे अभियानों को लेकर विभिन्न महत्वपूर्ण बातें नीचे सूचीबद्ध की गई हैं:
वायु गुणवत्ता में सुधार
पौधे वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड अवशोषित करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं, जिससे वायु प्रदूषण में कमी होती है।
जल स्तर की सुरक्षा
पेड़ वर्षा जल को भूमिगत जल में बदलने में मदद करते हैं।
जैव विविधता की रक्षा
हरित क्षेत्र पक्षियों, कीटों और छोटे जीवों का प्राकृतिक निवास स्थान होते हैं।
गर्मी घटाना
पेड़ छाया प्रदान करते हैं, और शहरी ताप द्वीप प्रभाव को कम करते हैं।
जन आंदोलन कैसे बनेगा?
दिल्ली सरकार का उद्देश्य बस ही आयोजन कर पौधे ही लगाना नहीं, वरना स्थाया देखभाल और जन भागीदारी भी सुनिश्चित करना। इसके लिए:
- स्कूलों और कॉलेजों में अभियान चलाया जाएगा।
- आरडब्ल्यूए (RWA) और स्थानीय समाजसेवियों को जोड़ा जाएगा।
- सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म के सहारे लोगों को जागरूक किया जाएगा।
- मोबाइल ऐप्स के जरिए पौधारोपण की निगरानी की जाएगी।
भविष्य की दिशा
दिल्ली के महानगर में जहां प्रदूषण का स्तर हर वर्ष खतरनाक स्तर तक जाता है, ऐसे में यह अभियान एक शुरुआत नहीं बल्कि एक पर्यावरण क्रांति हो सकता है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की कल्पना स्पष्ट है — यह काम सरकार अकेले नहीं कर सकती, इसके लिए प्रत्येक दिल्लीवासी भागीदार बनना होगा।