चंद्रा बरोट के निधन से फिल्म जगत शोक में, डॉन के निर्देशक को याद कर भावुक हुए अमिताभ बच्चन
डॉन के निर्देशक चंद्रा बरोट का निधन, बॉलीवुड में शोक की लहर
“डॉन के निर्देशक चंद्रा बरोट का निधन रविवार 20 जुलाई को मुंबई में हो गया। 86 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। बरोट लंबे समय से फेफड़ों की बीमारी पल्मोनरी फाइब्रोसिस से पीड़ित थे और मुंबई के गुरु नानक अस्पताल में इलाजरत थे।”
अमिताभ बच्चन हुए भावुक, ब्लॉग में साझा किया शोक
अमिताभ बच्चन, जिन्होंने 1978 की सुपरहिट फिल्म डॉन में लीड रोल निभाया था, ने निर्देशक चंद्रा बरोट के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया। उन्होंने अपने ब्लॉग में लिखा:
“मेरे प्रिय मित्र और डॉन के निर्देशक, चंद्रा बरोट का आज सुबह निधन हो गया… इस क्षति को शब्दों में बयां करना मुश्किल है… हमने साथ काम किया था, लेकिन वह किसी और से ज्यादा एक पारिवारिक मित्र थे… मैं केवल प्रार्थना कर सकता हूं।”
लंबे समय से बीमार चल रहे थे चंद्रा बरोट
चंद्रा बरोट पिछले सात वर्षों से पल्मोनरी फाइब्रोसिस नामक गंभीर फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहे थे। उनकी पत्नी दीपा बरोट ने इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि इलाज के दौरान वह पहले जसलोक अस्पताल और फिर गुरु नानक अस्पताल में भर्ती रहे।
तंजानिया से बॉलीवुड तक का सफर
- चंद्रा बरोट का जन्म तंजानिया में हुआ था।
- शुरुआती दिनों में वे एक बैंक में नौकरी करते थे।
- भारत आने के बाद उन्होंने मनोज कुमार के मार्गदर्शन में फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा।
- शुरुआती समय में ‘पूरब और पश्चिम’, ‘शोर’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी फिल्मों में सहायक निर्देशक के रूप में काम किया।
डॉन फिल्म ने दिलाई अपार प्रसिद्धि
डॉन (1978) बरोट के निर्देशन में बनी और बॉलीवुड की सबसे बड़ी कल्ट फिल्मों में से एक बन गई। दिलचस्प बात यह है कि फिल्म शुरुआती हफ्ते में फ्लॉप मानी गई थी, लेकिन माउथ पब्लिसिटी की वजह से यह फिर इतनी लोकप्रिय हो गई कि ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर बन गई।
बिग बी के करियर की मील का पत्थर बनी ‘डॉन’
- डॉन ने अमिताभ बच्चन के फिल्मी करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
- फिल्म में उनके डबल रोल (डॉन और विजय) को काफी सराहा गया।
- डायलॉग्स, संगीत, स्टाइल और स्क्रीनप्ले आज भी याद किए जाते हैं।
डॉन के बाद की फिल्में और अधूरी कहानियां
- बरोट ने डॉन के बाद ‘आश्रिता’ (1989) और ‘प्यार भरा दिल’ (1991) का निर्देशन किया।
- इसके बाद उनकी कुछ फिल्में जैसे ‘बॉस’ और ‘नील को पकड़ना… इम्पॉसिबल’ अधूरी रह गईं या रिलीज नहीं हो सकीं।
- हालांकि, डॉन फ्रैंचाइज़ी ने अपनी एक अलग पहचान बना ली।
फिल्म इंडस्ट्री को मिली एक अलग पहचान देने वाला निर्देशक
चंद्रा बरोट ने भले ही ज्यादा फिल्में निर्देशित नहीं की हों, लेकिन एक ही फिल्म से उन्होंने अपनी अद्भुत निर्देशन क्षमता और कहानी कहने की कला को सिद्ध कर दिया। डॉन न सिर्फ एक फिल्म थी, बल्कि एक संस्कृति बन गई।
इंडस्ट्री में शोक की लहर, कई हस्तियों ने दी श्रद्धांजलि
चंद्रा बरोट के निधन के बाद फिल्म जगत की कई हस्तियों ने उन्हें सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलि दी। उनकी एक फिल्म ने उन्हें फिल्म इतिहास में स्थायी स्थान दिला दिया।
चंद्रा बरोट की विरासत: एक फिल्म, एक पहचान
- भारतीय सिनेमा को “Don” जैसी क्लासिक देना किसी निर्देशक के लिए गर्व की बात है।
- उन्होंने साबित कर दिया कि एक मजबूत स्क्रिप्ट, कसी हुई कहानी और परफॉर्मेंस से फिल्में अमर हो सकती हैं।
- उनकी विरासत आज भी नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा है।
