प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा: आर्थिक, रक्षा और तकनीकी साझेदारी को मिलेगी नई मजबूती
प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा: द्विपक्षीय संबंधों का नया अध्याय
“प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 23 से 24 जुलाई तक यूनाइटेड किंगडम की दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर हैं। लंदन पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। यह यात्रा ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर के निमंत्रण पर हो रही है और यह प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन की चौथी यात्रा है। इस यात्रा का उद्देश्य भारत और ब्रिटेन के बीच आर्थिक, तकनीकी और रक्षा संबंधों को मज़बूत करना है। साथ ही, यह व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) को एक नई दिशा देने की योजना का हिस्सा है।”
प्रधानमंत्री मोदी का बयान: सहयोग और समृद्धि की ओर कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा:
“लंदन पहुंच गया हूं। यह यात्रा हमारे देशों के बीच आर्थिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसका उद्देश्य हमारे लोगों की समृद्धि, विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देना है। वैश्विक प्रगति के लिए भारत-ब्रिटिश मैत्री एक मजबूत मित्रता है।”
ब्रिटेन के साथ भारत की रणनीतिक प्राथमिकताएं
🟦 1. आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौता (FTA)
भारत और ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement – FTA) को अंतिम रूप देने की दिशा में अग्रसर हैं। यह समझौता व्यापार और निवेश को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।
🟦 2. तकनीकी और नवाचार में भागीदारी
ब्रिटेन और भारत के बीच प्रौद्योगिकी, स्टार्टअप सहयोग और डिजिटल नवाचार को लेकर साझा कार्य योजनाएं बन रही हैं।
🟦 3. रक्षा और सुरक्षा सहयोग
इस यात्रा के दौरान दोनों देश रक्षा उपकरण, साइबर सुरक्षा, और सामरिक साझेदारी पर भी संवाद करेंगे, जिससे भारत की रक्षा क्षमताओं को और बढ़ावा मिलेगा।

व्यापक रणनीतिक साझेदारी (CSP) की समीक्षा
इस यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी और ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर निम्नलिखित क्षेत्रों में CSP की समीक्षा करेंगे:
व्यापार और निवेशप्रौद्योगिकी और नवाचाररक्षा और सुरक्षाजलवायु परिवर्तन और सतत विकासस्वास्थ्य और चिकित्सा अनुसंधानशिक्षा और कौशल विकाससंस्कृति और प्रवासी भारतीय संबंध

भारत-ब्रिटेन संबंध: भविष्य की दिशा
दोनों देशों के बीच संबंध अब साझेदारी से सहयोग और आगे चलकर रणनीतिक अनुकूलता की ओर बढ़ रहे हैं। इस यात्रा से जुड़े कुछ संभावित परिणाम निम्नलिखित हैं:
🔷 एफटीए (FTA) पर प्रगति
FTA से शून्य या कम शुल्क पर आयात-निर्यात की सुविधा मिलेगी, जिससे दोनों देशों के व्यापारिक संबंध मजबूत होंगे।
🔷 डिफेंस टेक्नोलॉजी ट्रांसफर
संभव है कि ब्रिटेन भारत को कुछ रक्षा तकनीकों और संयुक्त उत्पादन की अनुमति देगा।
🔷 स्टार्टअप्स और डिजिटल इंडिया को बढ़ावा
ब्रिटेन की तकनीकी विशेषज्ञता और भारत की युवा प्रतिभा मिलकर AI, फिनटेक और ग्रीन टेक्नोलॉजी क्षेत्रों में नई क्रांति ला सकती है।

भविष्य के लिए रणनीतिक साझेदारी का रोडमैप
भारत और ब्रिटेन अब केवल द्विपक्षीय संबंधों तक सीमित नहीं, बल्कि वैश्विक मंच पर सहयोगी और रणनीतिक भागीदार बनने की दिशा में अग्रसर हैं। यह यात्रा साझा मूल्य, लोकतांत्रिक संस्थान और वैश्विक विकास की साझा दृष्टि को और मज़बूती देगी।
“प्रधानमंत्री मोदी की ब्रिटेन यात्रा न सिर्फ द्विपक्षीय बातचीत का अवसर है, बल्कि यह अगली पीढ़ी की रणनीतिक साझेदारी की नींव रखने की ओर एक मजबूत कदम है।”
