आईसीजी का स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ गोवा शिपयार्ड में लॉन्च, आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम
आईसीजी के स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ का हुआ जलावतरण
“भारतीय तटरक्षक बल (ICG) के लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL) में निर्मित दूसरा स्वदेशी प्रदूषण नियंत्रण पोत ‘समुद्र प्रचेत’ को 24 जुलाई 2025 को औपचारिक रूप से लॉन्च किया गया। यह पोत देश की समुद्री सुरक्षा और पर्यावरणीय आपात स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने के उद्देश्य से डिजाइन और निर्मित किया गया है।”
समुद्र प्रचेत प्रदूषण नियंत्रण पोत की तकनीकी विशेषताएं
इस पोत की प्रमुख विशेषताएं हैं:
- लंबाई: 114.5 मीटर
- चौड़ाई: 16.5 मीटर
- विस्थापन: 4170 टन
- प्रमुख कार्य: तेल रिसाव की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया, EEZ (विशेष आर्थिक क्षेत्र) की निगरानी
पोत में अत्याधुनिक तेल रिसाव प्रतिक्रिया उपकरण लगाए गए हैं, जिससे यह समुद्री पर्यावरण को सुरक्षित रखने में तटरक्षक बल की मदद करेगा।
स्वदेशी निर्माण की मिसाल है ‘समुद्र प्रचेत’
गोवा शिपयार्ड द्वारा डिजाइन और निर्मित यह पोत ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ मिशन को साकार करता है। यह पोत दो प्रदूषण नियंत्रण पोत परियोजनाओं में से दूसरा और अंतिम है। पहला पोत 29 अगस्त 2024 को लॉन्च किया गया था, जिसकी आपूर्ति अब शीघ्र होने जा रही है।
लॉन्चिंग समारोह में कौन रहा मौजूद?
इस ऐतिहासिक अवसर पर भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि और उनकी पत्नी प्रिया परमेश की उपस्थिति रही, जिनके कर-कमलों से यह पोत लॉन्च किया गया। इसके अलावा, GSL के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर बृजेश कुमार उपाध्याय, रक्षा मंत्रालय और ICG के वरिष्ठ अधिकारी तथा GSL के कर्मचारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
समुद्र प्रचेत का रणनीतिक महत्व
EEZ में पर्यावरण सुरक्षा
भारतीय तटरक्षक बल की प्राथमिक जिम्मेदारी में समुद्री प्रदूषण पर नियंत्रण भी शामिल है। इस पोत की तैनाती से EEZ क्षेत्र में तेल रिसाव या अन्य रासायनिक प्रदूषण की स्थिति में तेजी से कार्रवाई संभव हो पाएगी।
समुद्री सुरक्षा के साथ रोजगार सृजन
इस परियोजना ने गोवा के स्थानीय उद्योगों और MSME (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों) को भी गति दी है, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़े हैं।
महानिदेशक परमेश शिवमणि का संबोधन
श्री शिवमणि ने कहा:
“समुद्र प्रचेत का शुभारंभ हमारे देश की स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। यह भारतीय तटरक्षक बल की आवश्यकताओं को स्वदेशी तरीके से पूरा करने की दिशा में उठाया गया मजबूत कदम है।”
उन्होंने GSL के कर्मचारियों की सराहना की और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ने का आह्वान भी किया।
भारत के समुद्री क्षेत्र में नया मील का पत्थर
भारत की तटीय रेखा लंबी और संवेदनशील है। जलमार्गों की सुरक्षा के साथ-साथ समुद्री प्रदूषण की रोकथाम भी बेहद आवश्यक है। ऐसे में समुद्र प्रचेत प्रदूषण नियंत्रण पोत भारतीय तटरक्षक बल के बेड़े को और भी प्रभावशाली बनाएगा।
“समुद्र प्रचेत प्रदूषण नियंत्रण पोत न केवल भारत की समुद्री सुरक्षा को मजबूत करेगा, बल्कि आत्मनिर्भर भारत अभियान की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। भारतीय तटरक्षक बल को अब EEZ में तेल रिसाव और प्रदूषण जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए एक और आधुनिक साधन मिल गया है।”
