रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का विपक्ष पर हमला: ‘हमारे कितने विमान गिरे, यह सवाल नहीं पूछा जाता’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का विपक्ष पर हमला: ‘हमारे कितने विमान गिरे, यह सवाल नहीं पूछा जाता’
“भारत के रक्षा मंत्री, राजनाथ सिंह ने सोमवार को लोकसभा में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के दौरान विपक्ष पर तीखा हमला बोला। उन्होंने विपक्षी दलों को निशाने पर लेते हुए यह कहा कि विपक्ष हमेशा यही सवाल करता है कि पाकिस्तान ने हमारे कितने विमान गिराए, लेकिन यह कभी नहीं पूछा जाता कि हमने दुश्मन के कितने विमान गिराए।“
राजनाथ सिंह का विपक्ष पर सीधा हमला
राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं, विशेष रूप से कांग्रेस के नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने कभी यह सवाल नहीं उठाया कि भारत ने दुश्मन के कितने विमान गिराए। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रहित के सवालों पर ध्यान केंद्रित करने का समय है, न कि सिर्फ नकारात्मकता फैलाने का। वर्तमान समय में, जब भारत अपने सामरिक लक्ष्यों को बड़े पैमाने पर हासिल कर रहा है, तब विपक्ष को छोटे मुद्दों में उलझने की बजाय राष्ट्रहित में बड़े सवाल उठाने चाहिए।
‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर रक्षा मंत्री का दृष्टिकोण
राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का जिक्र करते हुए कहा कि यह एक महत्वपूर्ण और सफल अभियान था। उनका यह भी कहना था कि विपक्ष को हमेशा नकारात्मकता की बजाय इस अभियान की सफलता पर गौर करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी, तो उसने सरकार से सार्थक सवाल पूछे थे, लेकिन अब विपक्ष सिर्फ नकारात्मकता फैला रहा है, जो देश के लिए हानिकारक है।
1962 के युद्ध का उदाहरण देते हुए
राजनाथ सिंह ने 1962 के भारत-चीन युद्ध का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि उस समय देश ने सैनिकों की सुरक्षा के लिए कार्य किया था, न कि सिर्फ हथियारों के बारे में विचार किया था। भाजपा के विपक्ष में रहते हुए भी, उसने सरकार से सवाल किए थे, जैसे हमारी जमीन पर किसी अन्य देश का कब्जा कैसे हो गया और हमारे सैनिकों की इतनी जानें क्यों गईं।
उन्होंने कहा कि यदि कोई सरकार युद्ध के दौरान सैनिकों की चिंता करती है तो यह राष्ट्रहित के लिए अच्छा होता है, न कि केवल राजनैतिक लाभ के लिए।
अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण
राजनाथ सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का उदाहरण भी दिया। उन्होंने कहा कि जब भारत ने पाकिस्तान को सबक सिखाया था, तब अटल बिहारी वाजपेयी ने संसद में पूरे नेतृत्व की सराहना की थी, चाहे वह सत्ता पक्ष हो या विपक्ष। यह उदाहरण विपक्षी दलों को यह दिखाने के लिए था कि कैसे एकजुटता और सकारात्मक सोच से राष्ट्रहित में काम किया जा सकता है।
परीक्षा का परिणाम मायने रखता है
राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर कटाक्ष करते हुए कहा कि परीक्षा का परिणाम मायने रखता है, न कि यह कि छात्र की पेंसिल टूटी थी या नहीं। इसका मतलब था कि परिणाम की परवाह किए बिना विपक्ष को केवल नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए।
उनका मानना था कि 'ऑपरेशन सिंदूर' एक सफल और निर्णायक अभियान था, और विपक्ष को इसमें सिर्फ नकारात्मकता नहीं खोजनी चाहिए।
राजनीतिक आलोचना और सकारात्मक दृष्टिकोण
रक्षा मंत्री ने विपक्ष से यह भी कहा कि विपक्षी दलों को आलोचना करने का अधिकार है, लेकिन यह आलोचना राष्ट्रहित को ध्यान में रखते हुए की जानी चाहिए। नकारात्मक राजनीति से केवल भ्रम फैलता है और यह देश के लिए अच्छा नहीं है। राजनीति में हमेशा राष्ट्रहित सर्वोपरि होना चाहिए।
राजनाथ सिंह ने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा कि किसी भी अभियान या निर्णय को नकारात्मक दृष्टिकोण से देखना सही नहीं होता। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक बहुत बड़ी सफलता थी, और यह एक उदाहरण है कि कैसे भारतीय सेना ने अपने मिशन को सफलतापूर्वक पूरा किया।
“राजनाथ सिंह ने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए यह स्पष्ट किया कि राजनीति में नकारात्मकता से कुछ हासिल नहीं होता। यदि विपक्ष राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखते हुए काम करता, तो देश को और अधिक प्रगति मिलती। उन्होंने विपक्ष से आग्रह किया कि वह सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाए और हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा, सामरिक सफलता और देश की एकता को प्राथमिकता दे। राजनाथ सिंह का यह भाषण यह स्पष्ट करता है कि भारतीय राजनीति में आलोचना केवल आलोचना के लिए नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह देश की भलाई और सुरक्षा के लिए होनी चाहिए। ऐसे समय में जब देश अपनी ताकत और सामरिक सफलता को प्रदर्शित कर रहा है, विपक्ष को अपनी सोच को सकारात्मक दिशा में बदलने की जरूरत है।”
