यूएन में भारत ने पेश की तीसरी SDG रिपोर्ट: गरीबी, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल विकास में हुई महत्वपूर्ण प्रगति
भारत ने यूएन में पेश की तीसरी SDG रिपोर्ट: गरीबी, स्वच्छ ऊर्जा और डिजिटल विकास में ऐतिहासिक प्रगति
"भारत ने संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय राजनीतिक मंच पर 23 जुलाई 2025 को अपनी तीसरी स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा (VNR) रिपोर्ट प्रस्तुत की। यह रिपोर्ट भारत की सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में की गई प्रगति का व्यापक विवरण प्रदान करती है, जो देश की UN 2030 एजेंडा के प्रति निरंतर प्रतिबद्धता को दर्शाती है। रिपोर्ट को नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने प्रस्तुत किया, और इसमें विशेष रूप से सरकार और समाज दोनों के बीच समन्वय से किए गए प्रयासों को प्रमुखता दी गई। नीति आयोग के नेतृत्व में तैयार की गई इस रिपोर्ट में राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, नागरिक समाज, विकास भागीदारों और निजी क्षेत्र की भागीदारी से एक समावेशी प्रक्रिया को अपनाया गया। यूएनडीपी ने राज्य/केंद्र शासित प्रदेशों में एसडीजी समन्वय और त्वरित कार्यान्वयन केंद्र स्थापित करने में सहयोग किया है, जिससे भारत के विकास प्रयासों को और गति मिली है।"
भारत में गरीबी उन्मूलन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
स्वैच्छिक राष्ट्रीय समीक्षा की रिपोर्ट में भारत द्वारा किए गए निर्णायक कदमों का विस्तृत विवरण दिया गया है। गरीबी उन्मूलन के तहत, लगभग 24.8 करोड़ लोग बहुआयामी गरीबी (MPI) से बाहर निकले हैं, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इसके साथ ही, प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना ने करोड़ों लोगों को पोषण सहायता प्रदान की है, जिससे खाद्य सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।
आर्थिक और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए प्रधानमंत्री के पोषण अभियान (POSHAN) और आयुष्मान भारत योजना ने बड़ी संख्या में लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया करवाई हैं।
स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की योजनाएं
भारत ने स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भी अपनी स्थिति मजबूत की है। नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन, पीएम-कुसुम और पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजनाओं जैसे कार्यक्रमों से भारत की ऊर्जा संक्रमण को तेजी से गति मिल रही है। ये योजनाएं न केवल भारत के ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बना रही हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक आदर्श प्रस्तुत कर रही हैं।
डिजिटल विकास में भारत की अग्रणी भूमिका
भारत ने डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (DPI) के निर्माण में भी महत्वपूर्ण प्रगति की है। जनधन-आधार-मोबाइल (JAM) ट्रिनिटी के माध्यम से भारत ने एक वैश्विक मॉडल स्थापित किया है, जो पारदर्शी और समावेशी सेवा वितरण का आधार बना है। इसके अलावा, SDG इंडिया इंडेक्स, पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला SDG इंडेक्स और राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक जैसे टूल्स के जरिए डेटा आधारित प्रशासन को और अधिक मजबूत किया गया है।
आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों में विकास
भारत ने आकांक्षी जिलों और ब्लॉकों के माध्यम से सरकारी सेवाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने पर जोर दिया है। इन कार्यक्रमों से समाज के पिछड़े हिस्से तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुँच रहा है। यह सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने सुनिश्चित किया है कि विकास के फायदे सभी तक पहुंचे।
भारत का ग्लोबल साउथ में नेतृत्व
VNR रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत अब ग्लोबल साउथ सहयोग में अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जिससे विकासशील देशों के लिए संस्थागत और क्षमता निर्माण सहयोग को बढ़ावा मिल रहा है। भारत का यह दृष्टिकोण उसके दीर्घकालिक विजन "विकसित भारत@2047″ के साथ जुड़ा हुआ है, जिसका उद्देश्य देश की आजादी के 100 साल पूरे होने तक समावेशी, नवाचारी और सशक्त भारत का निर्माण करना है।
"भारत की तीसरी SDG रिपोर्ट ने यह साबित किया कि देश ने सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। गरीबों के उत्थान, स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में सुधार, और डिजिटल अवसंरचना के निर्माण में भारत ने वैश्विक स्तर पर एक आदर्श प्रस्तुत किया है। सरकार के प्रयासों से यह सुनिश्चित हुआ है कि विकास की मुख्यधारा से कोई भी वर्ग बाहर न हो। भारत की यह रिपोर्ट न केवल राष्ट्रीय स्तर पर, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी देश के प्रति एक सकारात्मक दृष्टिकोण को स्थापित करती है।"
