ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान के अंदर घुसकर भारत ने तबाह किए 9 आतंकी अड्डे, अमित शाह ने संसद में बताया पूरा सच
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान में घुसकर आतंक के ठिकानों को किया खत्म, संसद में अमित शाह ने किया खुलासा
"भारत ने एक बार फिर साबित कर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति स्पष्ट है – जीरो टॉलरेंस। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को संसद में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की पूरी जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे भारत ने सीमा पार जाकर पाकिस्तान के अंदर 100 किलोमीटर भीतर घुसकर 9 आतंकवादी अड्डों को पूरी तरह से तबाह कर दिया और 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया।"
ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत और रणनीति
अमित शाह ने बताया कि यह ऑपरेशन भारत की खुफिया एजेंसियों और सैन्य बलों के आपसी तालमेल से अंजाम दिया गया। पाकिस्तान की जमीन पर स्थित कई सक्रिय आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों की पहचान की गई थी। भारत ने पूरी सटीकता के साथ इन ठिकानों पर हमला किया, जिससे आतंकवादियों की रीढ़ तोड़ दी गई।
किन-किन आतंकी ठिकानों को बनाया गया निशाना?
गृह मंत्री ने लोकसभा में उन 9 अड्डों के नाम गिनाए जिन पर यह ऑपरेशन चलाया गया:
- बहावलपुर: मरकज शुभानअल्लाह
- मुरीदके: मरकज तैयबा
- सियालकोट: मेहमूना जोया कैंप और सरजल कैंप
- मुजफ्फराबाद: सवाईनाला और सैयदना बिलाल कैंप
- कोटली: गुलपुर कैंप और अब्बास कैंप
- भीमबर: बरनाला कैंप
इन सभी स्थानों पर आतंकवादियों की ट्रेनिंग चल रही थी। भारत ने इन ठिकानों को टारगेट करके वहां मौजूद आतंकियों को खत्म कर दिया।
आम नागरिकों को नुकसान नहीं, सिर्फ आतंकी मारे गए
ऑपरेशन सिंदूर की सबसे बड़ी सफलता यह रही कि इसमें कोई भी आम नागरिक हताहत नहीं हुआ। केवल प्रशिक्षित आतंकवादियों को ही निशाना बनाया गया। अमित शाह ने यह स्पष्ट किया कि भारत की नीति किसी निर्दोष को नुकसान पहुंचाना नहीं, बल्कि सिर्फ आतंकवाद को समाप्त करना है।
पाकिस्तान की सेना ने खुद किया आतंकियों का समर्थन
गृह मंत्री ने बताया कि पाकिस्तान ने इस कार्रवाई को भारत द्वारा उस पर हमला मान लिया, जबकि भारत का उद्देश्य केवल आतंकवादियों को समाप्त करना था। पाकिस्तान की सेना ने मारे गए आतंकियों के जनाजों को कंधा देकर यह साबित कर दिया कि आतंकवाद वहां स्टेट प्रायोजित है, और दुनिया की नजरों में खुद को बेनकाब कर लिया।
दुनिया के सामने पाकिस्तान हुआ एक्सपोज
इस ऑपरेशन ने यह साबित कर दिया कि पाकिस्तान आतंक का पोषक है, न कि पीड़ित। अमित शाह ने कहा कि पूरी दुनिया ने देखा कि किस तरह पाकिस्तान की सेना आतंकवादियों के शवों को सम्मान दे रही थी। इससे वैश्विक मंच पर पाकिस्तान की छवि को और नुकसान हुआ।
ऑपरेशन सिंदूर को क्यों रोका गया? विपक्ष के सवाल पर जवाब
लोकसभा में विपक्ष ने सवाल उठाया कि जब भारत अच्छी स्थिति में था, तो फिर ऑपरेशन को बीच में क्यों रोका गया? इस पर अमित शाह ने स्पष्ट किया, “युद्ध सोच-समझकर किया जाता है। युद्ध के कई परिणाम होते हैं और सरकार ने जिम्मेदारी से निर्णय लिया।” उन्होंने कहा कि 1948 में जवाहर लाल नेहरू ने बिना सोचे-समझे युद्धविराम किया था, जिसके कारण आज POK अस्तित्व में है।
इतिहास की गलतियों से सीखा सबक
गृह मंत्री ने कहा कि कांग्रेस ने पहले 1965 में जीते गए हाजी पीर को पाकिस्तान को लौटा दिया और 1971 की ऐतिहासिक जीत के बाद भी शिमला समझौते में POK को वापस मांगने की कोई मांग नहीं की। भारत आज इन गलतियों से सीख चुका है और इसी कारण ऑपरेशन सिंदूर को रणनीतिक ढंग से चलाया गया।
भारतीय सेना ने किए पाकिस्तान के एयरबेस तबाह
अमित शाह ने यह भी बताया कि पाकिस्तान ने बदले की कार्रवाई में भारत के सैन्य अड्डों पर हमला करने की कोशिश की, लेकिन उसमें नाकाम रहा। भारत ने जवाब में पाकिस्तान के 11 एयरबेस को नुकसान पहुँचाया, जिनमें 8 एयरबेस पर बड़ा असर पड़ा।
भारत में हुआ न्यूनतम नुकसान
गृह मंत्री के अनुसार, इस संघर्ष में भारत की ओर से कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। केवल एक गुरुद्वारा और एक मंदिर को क्षति पहुंची तथा कुछ नागरिक घायल हुए, लेकिन किसी की जान नहीं गई।
ऑपरेशन सिंदूर का संदेश: आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं
‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने न केवल भारत की सामरिक ताकत का प्रदर्शन किया, बल्कि यह भी दिखा दिया कि भारत अब आतंक के खिलाफ सख्त और निर्णायक कार्रवाई करने में सक्षम है। यह ऑपरेशन भारत की आक्रामक रक्षा नीति और कूटनीतिक संतुलन का उत्कृष्ट उदाहरण है।
"ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य रणनीति, खुफिया दक्षता और वैश्विक छवि को मजबूत करने वाला मिशन साबित हुआ। यह ऑपरेशन दुनिया को यह समझाने में सफल रहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सिर्फ बयान नहीं, ठोस कार्रवाई में विश्वास करता है।"
