ऑपरेशन सिंदूर: भारत की नई रणनीति का प्रतीक, राजनाथ सिंह बोले- अब जवाब ईंट का नहीं, पत्थर से देंगे
ऑपरेशन सिंदूर: भारत की सैन्य नीति में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक
“राज्यसभा में मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा की शुरुआत करते हुए इसे भारत की रक्षा नीति का गेम चेंजर बताया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो ऑपरेशन सिंदूर शुरू हुआ, उसने दुनिया को यह संदेश दिया है कि भारत अब केवल प्रतिक्रिया नहीं देगा, बल्कि प्रबल और सटीक जवाब भी देगा।”
तीन आतंकियों का खात्मा, 26 मासूमों की हत्या का बदला
राजनाथ सिंह ने जानकारी दी कि सोमवार को भारतीय सुरक्षा बलों ने टीआरएफ (The Resistance Front) के तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया। ये वही आतंकी थे जिन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 मासूम नागरिकों की हत्या की थी। उन्होंने सेना और सुरक्षाबलों की सूझबूझ और बहादुरी की सराहना की।
ऑपरेशन सिंदूर: सिर्फ मिशन नहीं, भारत की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं है, बल्कि यह भारत की "जीरो टॉलरेंस" नीति का स्पष्ट संकेत है। इसका मुख्य उद्देश्य आतंकवादी ठिकानों को जड़ से खत्म करना और भविष्य के खतरों को निष्क्रिय करना है।
ऑपरेशन पर विराम है, पूर्णविराम नहीं
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी समाप्त नहीं हुआ है, सिर्फ रणनीतिक विराम लिया गया है। उन्होंने कहा कि भारत अब कमजोर नहीं है और परमाणु हथियारों के डर से चुप नहीं बैठेगा।
उनके शब्दों में,
“नागपंचमी पर नागों को दूध पिलाना ठीक है, लेकिन रोज-रोज ऐसा नहीं चलेगा।”
पाकिस्तान के आम नागरिकों को नुकसान नहीं, सिर्फ आतंकवादियों को निशाना बनाया गया
रक्षा मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन से पहले गहन अध्ययन किया गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि आम पाकिस्तानी नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे। हमला केवल उन ठिकानों पर किया गया जहां पुख्ता जानकारी थी कि आतंकवादी मौजूद हैं।
“ईंट का जवाब अब पत्थर से”: नई सैन्य नीति का संकल्प
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत की सोच अब बदल चुकी है।
“हम अब ईंट का जवाब पत्थर से देंगे।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि प्रतिक्रिया किसी व्यक्ति या राष्ट्र के चरित्र का प्रतिबिंब होती है। भारत अब आक्रामक और आत्मसम्मानी राष्ट्र की पहचान पुनः स्थापित कर रहा है।
इतिहास का संदर्भ: री-डिस्कवरी ऑफ इंडिया
राजनाथ सिंह ने भारत के क्रांतिकारी इतिहास का भी उल्लेख किया और कहा कि जैसे चंद्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह ने गुलामी के खिलाफ डटकर जवाब दिया, वैसे ही आज का भारत भी आतंक के खिलाफ वही जज़्बा दिखा रहा है।
उन्होंने कहा,
“यह ‘डिस्कवरी ऑफ इंडिया’ नहीं, री-डिस्कवरी ऑफ इंडिया है।”
हमारे आराध्य भी शस्त्रधारी रहे हैं: संस्कृति का साहसी पक्ष
रक्षा मंत्री ने तुलसीदास के दोहे का हवाला देते हुए कहा कि हमारी संस्कृति में भी साहस और शस्त्रधारण का स्थान रहा है।
“तुलसी मस्तक तब नवे, जब धनुष बाण लेउ हाथ।”
उन्होंने महादेव, श्री राम और श्री कृष्ण जैसे शस्त्रधारी देवताओं की मिसाल देकर यह कहा कि कायरता कभी हमारी परंपरा का हिस्सा नहीं रही।
भारत अब सॉफ्ट स्टेट नहीं रहा: आतंकियों को भारी पड़ेगा हमला
राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकियों को पहले लगता था कि भारत सॉफ्ट स्टेट है, लेकिन अब स्थिति बदल चुकी है। ऑपरेशन सिंदूर ने यह साबित कर दिया है कि अब कोई भी आतंकी भारत को कमज़ोर नहीं आंक सकता।
विपक्ष को चाहिए सुझाव, केवल आलोचना नहीं
अपने भाषण के अंत में रक्षा मंत्री ने विपक्ष को सलाह दी कि यदि उन्हें सरकार की नीति से आपत्ति है, तो एक बेहतर वैकल्पिक नीति प्रस्तुत करें। सिर्फ आलोचना से कुछ हासिल नहीं होगा।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की पहचान का पुनर्निर्माण है
ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि भारत की नवीन रक्षा दृष्टि और रणनीतिक साहस का परिचायक है। यह भविष्य के लिए एक स्पष्ट संकेत है कि भारत अब न तो चुप बैठेगा, और न ही सहन करेगा।
