साल में सिर्फ एक दिन खुलता है नागचंद्रेश्वर मंदिर: नागपंचमी पर लाखों को मिलता है दुर्लभ दर्शन
उज्जैन का अद्भुत नागचंद्रेश्वर मंदिर: दर्शन का दुर्लभ अवसर
“नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर की तीसरी मंजिल पर स्थित एक ऐसा अनोखा मंदिर है जो वर्ष में सिर्फ एक दिन – नागपंचमी के दिन खुलता है। हर साल लाखों श्रद्धालु इस दिन का इंतजार करते हैं ताकि उन्हें भगवान शिव के इस दुर्लभ रूप के दर्शन हो सकें।”
नागपंचमी पर खुलते हैं कपाट: साल का एकमात्र अवसर
- मंदिर के कपाट 12 बजे रात को खोले जाते हैं और 24 घंटे तक खुले रहते हैं।
- यह अवसर केवल नागपंचमी के शुभ दिन पर मिलता है।
- अन्य दिनों में मंदिर श्रद्धालुओं के लिए पूर्णतः बंद रहता है।
यह एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां सर्प दोष निवारण के लिए शिव के विशेष रूप की पूजा होती है।
नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन की अद्वितीय प्रतिमा
- भगवान शिव शेषनाग की शैय्या पर विराजमान हैं
- साथ में देवी पार्वती, गणेश, कार्तिकेय, नंदी, सूर्य और चंद्रमा की प्रतिमाएं
- यह प्रतिमा नेपाल से लाई गई और अत्यंत कलात्मक है
- ऐसा रूप पूरे भारत में और कहीं नहीं मिलता
इतिहास और निर्माण: परमार और मराठा काल की धरोहर
- मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में राजा भोज (परमार वंश) ने करवाया था
- 1732 में मराठा सरदार राणोजी सिंधिया ने इसका पुनर्निर्माण कराया
- यही वह समय था जब नेपाल से शिव की अद्वितीय मूर्ति लाकर तीसरी मंजिल पर स्थापित की गई
धार्मिक मान्यता: नागराज तक्षक की तपस्या और दर्शन की परंपरा
- नागराज तक्षक ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तप किया
- शिव ने उन्हें अमरत्व का वरदान दिया
- तक्षक ने भगवान शिव से आग्रह किया कि वह साल में केवल एक बार उनके दर्शन करेंगे
- यह परंपरा आज भी नागपंचमी के दिन जारी है — तभी मंदिर के द्वार खुलते हैं
नागचंद्रेश्वर मंदिर और सर्प दोष मुक्ति
हिंदू धर्म में सर्प दोष, कालसर्प दोष और अन्य ग्रह बाधाओं को दूर करने के लिए नागचंद्रेश्वर मंदिर में पूजा का विशेष महत्व है।
श्रद्धालुओं की मान्यता है कि:
- इस दिन सिर्फ दर्शन मात्र से दोषों का निवारण होता है
- विवाह, संतान सुख और अन्य समस्याओं का समाधान होता है
- इस दिन रुद्राभिषेक और विशेष पूजन का अत्यधिक महत्व होता है
श्रद्धालुओं की भीड़: एक दिन में 10 लाख तक दर्शनार्थी
- प्रशासन के अनुसार, करीब 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है
- हर व्यक्ति को लगभग 40 मिनट के भीतर दर्शन कराने की योजना
- विशेष सुरक्षा, मार्गदर्शन और आपातकालीन व्यवस्थाएं की गई हैं
- लाइन प्रबंधन, महिला एवं वरिष्ठ नागरिक सुविधा, मेडिकल सहायता सहित सभी इंतजाम
तीन मंजिला महाकाल मंदिर की संरचना
- पहली मंजिल: महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग (मुख्य गर्भगृह)
- दूसरी मंजिल: ओंकारेश्वर मंदिर
- तीसरी मंजिल: नागचंद्रेश्वर मंदिर – साल में सिर्फ एक दिन खुलता है
आस्था और आभा का केंद्र: नागचंद्रेश्वर मंदिर उज्जैन
यह मंदिर न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और पुरातत्विक वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण भी है। हर वर्ष नागपंचमी पर यहां की ऊर्जा और श्रद्धा लाखों श्रद्धालुओं को आकर्षित करती है।
