उत्तरकाशी में बादल फटने से 5 की मौत, 413 लोगों को सुरक्षित बचाया गया, राहत और बचाव कार्य जारी
उत्तरकाशी में बादल फटना: भारी तबाही के बीच बचाव अभियान जारी
"उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की वजह से बाढ़ और भूस्खलन जैसी गंभीर आपदाएं सामने आई हैं। इस प्राकृतिक त्रासदी में अब तक
5 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि
413 लोगों को सुरक्षित बचाया गया है। धराली और सुखी टॉप जैसे पर्वतीय क्षेत्रों में बाढ़ के कारण भारी तबाही मची है। वहीं हर्षिल सेक्टर में भी जलप्रलय जैसी स्थिति देखने को मिल रही है।"
ITBP, NDRF और सेना का राहत अभियान
ITBP का सक्रिय योगदान:
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (
ITBP) के प्रवक्ता कमलेश कमल के अनुसार:
धराली में
ITBPकी
5टीमें तैनात की गई हैं, जिनमें
130जवान शामिल हैं।
- 100
से अधिक अतिरिक्त जवान रास्ते में हैं।
अब तक
100से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है और एक शव भी बरामद किया गया है।
संचार व्यवस्था बहाल कर दी गई है, जिससे राहत कार्यों में तेजी आई है।
NDRF की जानकारी:
एनडीआरएफ (
NDRF) के डीआईजी मोहसिन शाहेदी ने बताया कि:
अब तक
4लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।
- 50
से अधिक लोग लापता हैं।
हर्षिल में सेना के
11जवान लापता हैं।
सुखी टॉप में कोई हताहत नहीं हुआ है।
हवाई राहत: देहरादून से टीमें तैयार
ऋषिकेश-उत्तरकाशी राजमार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण बचाव टीमों को मौके पर पहुंचने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, देहरादून में हवाई मार्ग से राहत पहुंचाने के लिए टीमें तैयार की गई हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का दौरा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना के तुरंत बाद:
धराली क्षेत्र का ग्राउंड निरीक्षण किया।
स्थानीय लोगों से मिलकर स्थिति की जानकारी ली।
हवाई सर्वेक्षण के माध्यम से बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (
EOC) में बैठक कर राहत कार्यों की समीक्षा की।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार केंद्र सरकार के सहयोग से सभी प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
प्रभावित क्षेत्र: धराली, सुखी टॉप और हर्षिल
धराली:
सबसे अधिक तबाही यहीं देखी गई।
कई घर और इमारतें बाढ़ में बह गईं या क्षतिग्रस्त हो गईं।
बड़ी संख्या में लोग फंसे हुए हैं।
सुखी टॉप:
अचानक बाढ़ आई, लेकिन कोई हताहत नहीं हुआ।
बचाव टीमें सक्रिय हैं।
हर्षिल:
सेना के
11जवान लापता।
राहत व खोज अभियान जारी।
नुकसान का आंकलन
सरकारी एजेंसियां और आपदा प्रबंधन टीमें लगातार:
मृतकों की संख्या की पुष्टि करने,
लापता लोगों की तलाश करने,
और प्रभावित परिवारों को सहायता पहुंचाने में जुटी हुई हैं।
बचाव कार्यों में:
जवानों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
भोजन, चिकित्सा और शरण जैसी प्राथमिक सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं।
सरकार की तैयारियां और नागरिकों के लिए अपील
राज्य सरकार ने सभी जिलों में:
- आपदा नियंत्रण केंद्रों को सक्रिय किया है।
- लोगों से नदी किनारे न जाने और अफवाहों से बचने की अपील की है।
- स्थानीय प्रशासन को 24×7 निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं।
"उत्तरकाशी में बादल फटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाता है कि पर्वतीय क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं का खतरा लगातार बना हुआ है। सरकार और राहत एजेंसियां तेजी से कार्य कर रही हैं, लेकिन हर नागरिक को सतर्कता और सहयोग का परिचय देना होगा। आने वाले दिनों में स्थिति सामान्य होने की उम्मीद है, लेकिन मानवीय और भौतिक क्षति को कम करने के लिए सभी का योगदान जरूरी है।"