भारत में ऑफिस लीजिंग ने बनाया नया रिकॉर्ड, FY2026 तक जारी रहेगी तेजी: ICRA रिपोर्ट
भारत ऑफिस लीजिंग रिकॉर्ड पर: FY2026 तक जारी रहेगा ग्रोथ ट्रेंड
“भारत के वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र में जबरदस्त उछाल देखा जा रहा है। ICRA द्वारा हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार, भारत के छह प्रमुख शहरों—बेंगलुरु, चेन्नई, दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, मुंबई महानगर क्षेत्र (एमएमआर), और पुणे—में ऑफिस लीजिंग की मांग वित्त वर्ष 2025 में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है।”
रिक्ति दर घटी, मांग में उछाल
रिपोर्ट के अनुसार, मार्च 2025 तक इन शहरों में ग्रेड-A ऑफिस स्पेस की रिक्ति दर घटकर 13.9% हो गई। यह संकेत करता है कि अधिक से अधिक कंपनियां भारत में अपने कार्यालय स्थापित कर रही हैं या विस्तार कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रवृत्ति वित्त वर्ष 2026 तक जारी रहेगी। ICRA का आकलन है कि मार्च 2026 तक रिक्ति दर 13-13.5% तक और गिर सकती है, जो दर्शाता है कि लीजिंग की गति मजबूत बनी रहेगी।
GCC और BFSI क्षेत्रों की प्रमुख भूमिका
इस रिकॉर्ड स्तर की लीजिंग में वैश्विक क्षमता केंद्र (Global Capability Centers – GCCs) और बैंकिंग, वित्तीय सेवा और बीमा (BFSI) क्षेत्रों की मांग सबसे बड़ी प्रेरक रही है। हाल के वर्षों में वैश्विक IT कंपनियों की लीजिंग में कुछ गिरावट देखी गई थी, लेकिन इसकी भरपाई GCC और BFSI कंपनियों ने की। इसके अलावा, फ्लेक्स-स्पेस ऑपरेटर और घरेलू IT-BPO फर्मों की भागीदारी ने भी समग्र मांग को स्थिर बनाए रखा।
शुद्ध अवशोषण में 14% की वार्षिक वृद्धि
ICRA के अनुसार, FY2025 में भारत में कुल 65 मिलियन वर्ग फुट ऑफिस स्पेस का शुद्ध अवशोषण हुआ, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% अधिक है। सिर्फ FY2026 की पहली तिमाही में ही 17 मिलियन वर्ग फुट ऑफिस स्पेस का अवशोषण हुआ, जो उस अवधि की कुल आपूर्ति के लगभग बराबर है। इससे यह स्पष्ट होता है कि मांग और आपूर्ति में संतुलन बना हुआ है।
बेंगलुरु में सबसे अधिक ऑफिस स्टॉक
30 जून, 2025 तक भारत के शीर्ष छह वाणिज्यिक बाजारों में कुल 1,030 मिलियन वर्ग फुट ग्रेड A ऑफिस स्टॉक था। इसमें से अकेले बेंगलुरु की हिस्सेदारी 26% रही, जो इसे भारत का सबसे बड़ा ऑफिस रियल एस्टेट बाजार बनाती है। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर और मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR) का स्थान रहा। MMR और पुणे में भी रिक्ति दर में कमी देखी गई है, जिससे यह संकेत मिलता है कि यहां पर भी ऑफिस स्पेस की मांग मजबूत बनी हुई है।
क्रेडिट प्रोफाइल रहेगा स्थिर
ICRA का कहना है कि कंपनियों की शुद्ध परिचालन आय में वृद्धि और स्थिर नकदी प्रवाह से ऑफिस रियल एस्टेट क्षेत्र की क्रेडिट प्रोफाइल भी स्थिर बनी रहेगी। जैसे-जैसे किराये बढ़ते हैं और स्पेस की मांग लगातार बनी रहती है, यह क्षेत्र निवेशकों के लिए सुरक्षित और लाभदायक बना रहेगा।
भारत में फ्लेक्स-स्पेस की बढ़ती मांग
फ्लेक्स-स्पेस ऑपरेटरों की भागीदारी भी इस ग्रोथ का एक अहम हिस्सा रही है। कोविड-19 के बाद कार्यस्थल संस्कृति में बदलाव ने फ्लेक्सिबल ऑफिस की मांग को बढ़ावा दिया है। स्टार्टअप्स, MSMEs और यहां तक कि बड़ी कंपनियां भी फ्लेक्स स्पेस को अपनाने लगी हैं जिससे इस सेगमेंट में नया अवसर पैदा हुआ है।
क्यों बढ़ रही है भारत में ऑफिस स्पेस की मांग?
- कम लागत वाली प्रतिभा: भारत में उच्च प्रशिक्षित लेकिन अपेक्षाकृत सस्ती प्रतिभा की उपलब्धता।
- तकनीकी बुनियादी ढांचे में सुधार: डेटा सेंटर, 5G और डिजिटल इंडिया जैसे पहल भारत को एक वैश्विक डिजिटल हब बना रहे हैं।
- सरकारी समर्थन: भारत सरकार द्वारा Ease of Doing Business में किए गए सुधार और विदेशी निवेश को प्रोत्साहन।
- स्थिर आर्थिक परिदृश्य: वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारत एक अपेक्षाकृत स्थिर और आकर्षक बाजार के रूप में उभरा है।
“रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत का वाणिज्यिक रियल एस्टेट क्षेत्र अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेगा। टियर-2 शहरों में भी GCC और BFSI कंपनियां विस्तार कर सकती हैं। इसके साथ ही लीजिंग मॉडल भी पारंपरिक से हटकर अधिक लचीले और डिजिटल होते जा रहे हैं।”
