भारत-यूके सीईटीए से खनिज और एल्यूमीनियम उद्योग को मिलेगा वैश्विक बाजार में बढ़त
भारत-यूके सीईटीए से खनिज और एल्यूमीनियम उद्योग को मिलेगा वैश्विक बाजार में बढ़त
“खान मंत्रालय के अनुसार, भारत और ब्रिटेन के बीच हुआ व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौता (CETA) घरेलू खनिज उद्योग, विशेषकर एल्यूमीनियम क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण अवसर लेकर आया है। मंत्रालय के सचिव वी.एल. कांता राव ने कहा कि यह समझौता भारतीय उत्पादों को यूके बाजार में बेहतर पहुंच और प्रतिस्पर्धात्मकता प्रदान करेगा।”
बाजार मांग और अनुसंधान सहयोग पर जोर
राव ने सुझाव दिया कि भारतीय कंपनियों को रोड शो के माध्यम से ब्रिटेन में अपने उत्पादों की मांग को समझना चाहिए, ताकि सीईटीए के प्रावधानों का पूरा लाभ उठाया जा सके। उन्होंने दोनों देशों के बीच आरएंडडी सहयोग की संभावनाओं पर भी प्रकाश डाला।
वेबिनार में उद्योग जगत की भागीदारी
खनिज उद्योग के अवसरों पर चर्चा के लिए मंत्रालय ने एक वेबिनार आयोजित किया, जिसमें 230 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।
- राजीव कुमार (सीईओ, वेदांता-एल्यूमीनियम) ने भारतीय एल्यूमीनियम उद्योग के लिए सीईटीए से मिलने वाले अवसरों पर प्रस्तुति दी।
- बी.पी. सिंह (सीएमडी, नाल्को), राजेश कुमार (सीईओ, बाल्को) और बी.के. भाटिया (डीजी, FIMI) समेत कई उद्योगपतियों ने समझौते का स्वागत किया और यूके बाजार में विस्तार की रणनीतियों पर चर्चा की।
समझौते के प्रमुख बिंदु
- भारत 90% ब्रिटिश उत्पादों पर शुल्क कम करेगा।
- यूके 99% भारतीय निर्यात पर शुल्क घटाएगा।
- टैरिफ में ढील से बाजार तक पहुंच आसान होगी और लागत घटेगी।
निर्यात और उपभोक्ता लाभ
- भारतीय उपभोक्ताओं के लिए स्कॉच व्हिस्की, जिन, लग्जरी कार, कॉस्मेटिक्स और मेडिकल उपकरण सस्ते होंगे।
- भारतीय निर्यातकों, खासकर कपड़ा और चमड़ा उद्योग को शून्य शुल्क का लाभ मिलेगा, जिससे उनकी प्रतिस्पर्धा बांग्लादेश और कंबोडिया जैसे देशों से बढ़ेगी।
- कृषि निर्यात को भी टैरिफ समानता का लाभ मिलेगा, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ने की उम्मीद है।
