GST सुधार और प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: भारत की अर्थव्यवस्था में नया अध्याय
GST सुधार और प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना: अर्थव्यवस्था में डबल बूस्ट
“15 अगस्त 2025 को लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए दो बड़ी आर्थिक घोषणाएं कीं। पहली — दिवाली तक लागू होने वाला नेक्स्ट-जनरेशन GST सुधार, और दूसरी — युवाओं के लिए प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना। इन दोनों पहलों का लक्ष्य है, करदाताओं और उपभोक्ताओं को राहत देना, रोजगार सृजन बढ़ाना और भारत को आत्मनिर्भर आर्थिक शक्ति बनाना।”
GST सुधार – कर प्रणाली में बड़ा बदलाव
वर्तमान GST ढांचे में 5%, 12%, 18% और 28% के चार मुख्य स्लैब हैं। मोदी सरकार अब इसे सरल और तर्कसंगत बनाने की दिशा में कदम उठा रही है। रोजमर्रा के सामान जैसे किराना, कपड़े, जूते-चप्पल और पैकेज्ड फूड को कम कर दर में लाने की योजना है, जिससे उपभोक्ताओं का मासिक खर्च घटेगा और MSME सेक्टर को प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी।
GST सुधार से होने वाले फायदे
- उपभोक्ताओं को सस्ते दामों पर जरूरी सामान मिलेगा।
- छोटे और मझोले उद्यमों की लागत घटेगी।
- कारोबार में पारदर्शिता और अनुपालन आसान होगा।
- ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना – युवाओं के लिए नया संबल
यह योजना युवाओं को नौकरी के शुरुआती चरण में आर्थिक सहायता देने के लिए बनाई गई है।
- पहली बार नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये की सहायता राशि मिलेगी।
- यह राशि दो किस्तों में — 6 महीने और 12 महीने की सेवा के बाद।
- मासिक वेतन 1 लाख रुपये से कम वाले कर्मचारी पात्र होंगे।
- नियोक्ताओं को भी नए कर्मचारियों के लिए प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
योजना के प्रमुख लाभ
- युवाओं को शुरुआती वित्तीय स्थिरता।
- निजी क्षेत्र में रोजगार सृजन को प्रोत्साहन।
- औपचारिक कार्यबल में युवाओं की भागीदारी में वृद्धि।
दोनों घोषणाओं का आपसी संबंध
GST दरों में कमी से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी, जिससे उद्योगों का उत्पादन और बिक्री बढ़ेगी। उत्पादन में वृद्धि से कंपनियां अधिक कर्मचारियों को नियुक्त करेंगी। यहां प्रधानमंत्री विकसित भारत रोजगार योजना नियोक्ताओं को भर्ती बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
विकसित भारत की दिशा में बड़ा कदम
ये दोनों पहल मोदी सरकार की दीर्घकालिक आर्थिक रणनीति का हिस्सा हैं, जिसमें टैक्स सुधार, रोजगार सृजन, स्वच्छ ऊर्जा और सेमीकंडक्टर उत्पादन जैसे सेक्टर शामिल हैं। दिसंबर 2025 तक भारत में ‘Made in India’ सेमीकंडक्टर चिप्स आने की संभावना है और 50% क्लीन एनर्जी लक्ष्य पहले ही पूरा हो चुका है।
