देशभर में गूंज रही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की धूम: इस्कॉन मंदिर से लेकर सांवरिया सेठ धाम तक सुरक्षा के कड़े इंतजाम
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025: देशभर में भक्ति और उल्लास का पर्व
“भारत में हर साल भाद्रपद माह की अष्टमी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाई जाती है। इस बार भी पूरे देश में मंदिरों और घरों में तैयारियां जोरों पर हैं। मंदिरों को फूलों और रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया है। भक्तों में विशेष उत्साह है क्योंकि यह दिन भगवान श्रीकृष्ण के जन्म का प्रतीक माना जाता है।”
इस्कॉन मंदिर नोएडा में पांच लाख श्रद्धालुओं की उम्मीद
नोएडा का इस्कॉन मंदिर इस बार जन्माष्टमी का सबसे बड़ा आकर्षण बना हुआ है। अनुमान है कि लगभग पांच लाख भक्त यहां दर्शन करने आएंगे। मंदिर परिसर और आसपास के इलाकों में सुरक्षा के मद्देनज़र सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। पुलिस और ट्रैफिक विभाग ने भीड़ को नियंत्रित करने और भक्तों को सुविधा देने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं।
नीमच के प्रसिद्ध मंदिरों में विशेष तैयारियां
मध्य प्रदेश के नीमच जिले के सांवरिया सेठ मंदिर और बिचला गोपाल मंदिर में भी जन्माष्टमी का उत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है।
- बिचला गोपाल मंदिर के पुजारी पंडित ललित कुमार शर्मा ने बताया कि शाम 7 बजे काल संध्या आरती होगी और रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। प्रसाद में माखन-मिश्री और पंजरी बांटी जाएगी।
- सांवरिया सेठ मंदिर में महिला मंडल द्वारा भजन संध्या आयोजित की जाएगी और रात को जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। मंदिर को फूलों और रोशनी से सजाया गया है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में जन्माष्टमी का उत्सव
मुरादाबाद जिले में जन्माष्टमी का उत्साह चरम पर है। बाजारों में भगवान श्रीकृष्ण की पोशाकें, मोरपंख, बांसुरी और फूलों की खरीदी जोरों पर है। माता-पिता अपने बच्चों को छोटे कान्हा के रूप में सजाने के लिए विशेष कपड़े खरीद रहे हैं। शहर की गलियों में झांकियां और कान्हा की सवारी की झलक भक्तों का मन मोह रही है।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
- नोएडा पुलिस ने मंदिरों के आसपास विशेष पुलिस बल की तैनाती की है।
- मुरादाबाद पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक रूट डायवर्जन लागू किया है।
- सीसीटीवी कैमरों से भीड़ पर नजर रखी जा रही है।
इन तैयारियों का उद्देश्य यह है कि भक्त सुरक्षित माहौल में भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त कर सकें।
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का धार्मिक महत्व
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 केवल एक त्योहार नहीं बल्कि धर्म और आस्था का प्रतीक है। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था, जिन्होंने अधर्म का नाश और धर्म की स्थापना के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया। गीता में उन्होंने कर्मयोग, भक्ति और ज्ञान का मार्ग दिखाया।
भक्ति और आनंद का संगम
देशभर में भक्तजन उपवास रखते हैं, मंदिरों में भजन-कीर्तन करते हैं और रात 12 बजे भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाते हैं। झांकियों में उनके बाल्यकाल की झलकियां प्रस्तुत की जाती हैं। लोग अपने घरों में भी भगवान की मूर्ति सजाकर पूजा करते हैं और प्रसाद बांटते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जन्माष्टमी
इस्कॉन मंदिरों के जरिए जन्माष्टमी का यह पर्व पूरी दुनिया में मनाया जाता है। अमेरिका, लंदन, मॉरीशस, नेपाल और अन्य देशों में भी भक्तजन बड़े उत्साह के साथ कृष्ण जन्मोत्सव मनाते हैं।
कृष्ण जन्माष्टमी और सामाजिक संदेश
यह पर्व समाज को प्रेम, एकता और भाईचारे का संदेश देता है। भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से हमें यह शिक्षा मिलती है कि धर्म के मार्ग पर चलकर ही समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाया जा सकता है।
