अलास्का शिखर वार्ता: ट्रंप और पुतिन की मुलाकात से शांति वार्ता को मिली रफ्तार, जल्द ही जेलेंस्की और NATO नेताओं से बातचीत
अलास्का में ट्रंप और पुतिन की ऐतिहासिक बैठक
“अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अलास्का के एंकोरेज शहर में मुलाकात की। दोनों नेताओं की यह बैठक अंतरराष्ट्रीय राजनीति और खासकर यूक्रेन युद्ध के भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। बैठक के बाद दोनों ने कहा कि “काफी प्रगति हुई है” लेकिन अभी कोई औपचारिक समझौता नहीं हुआ है।”
शिखर वार्ता में कौन-कौन शामिल रहे?
ट्रंप के साथ विदेश मंत्री मार्को रुबियो, विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। वहीं, पुतिन की ओर से विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव, रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलूसोय और विदेश नीति सलाहकार यूरी उशाकोव उपस्थित रहे। इस तीन चरणीय बैठक को छोटा करते हुए सीधे दूसरे चरण में वार्ता की गई।
ट्रंप का बयान: “समझौता तभी जब यूक्रेन राज़ी हो”
ट्रंप ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि वे जल्द ही NATO नेताओं और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से बातचीत करेंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि कोई भी शांति समझौता तभी होगा जब यूक्रेन सरकार उसकी मंजूरी देगी। ट्रंप ने कहा, “हम केवल बातचीत को आगे बढ़ा रहे हैं, लेकिन अंतिम फैसला जेलेंस्की और उनकी सरकार पर होगा।”
पुतिन का बयान: “युद्ध के मूल कारणों को दूर करना होगा”
पुतिन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध तब ही समाप्त होगा जब इसके मूल कारणों का समाधान होगा। उन्होंने दावा किया कि यदि 2022 में ट्रंप राष्ट्रपति होते तो यह युद्ध शुरू ही नहीं होता। पुतिन ने जोर दिया कि रूस यूक्रेन की सुरक्षा का विरोधी नहीं है, बल्कि वह यूरोप और दुनिया में सुरक्षा का संतुलन बहाल करना चाहता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा
अमेरिका और रूस की इस मुलाकात पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हुई हैं। NATO देशों और यूरोपीय संघ के नेताओं की प्रतिक्रिया आने के बाद यह स्पष्ट होगा कि वार्ता का क्या असर होगा। ट्रंप ने कहा कि वे आने वाले दिनों में फोन पर कई नेताओं से बात करेंगे।
बैठक का माहौल: तनाव और उम्मीद दोनों
करीब तीन घंटे चली यह बैठक काफी गंभीर माहौल में हुई। रिपोर्टरों से सवाल नहीं लिए गए। पुतिन ने आठ मिनट का भाषण दिया जबकि ट्रंप ने चार मिनट तक बातचीत की। दोनों ने इसे “अच्छा और भरोसेमंद संपर्क” बताया।
अगली मुलाकात मॉस्को में?
बैठक के अंत में पुतिन ने अगली मुलाकात मॉस्को में करने का सुझाव दिया। ट्रंप ने कहा कि यह “विवादित” होगा, लेकिन असंभव नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि उनके और पुतिन के बीच हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं, भले ही 2016 के चुनाव में रूस हस्तक्षेप की जांच ने रिश्तों को जटिल बना दिया हो।
युद्धविराम पर कोई ठोस समझौता नहीं
हालांकि बैठक में युद्धविराम या किसी ढांचे पर औपचारिक सहमति नहीं बनी, लेकिन दोनों नेताओं ने संकेत दिया कि वार्ता आगे शांति की दिशा में बढ़ सकती है। यह अपने आप में बड़ी बात है क्योंकि पिछले कुछ समय से रूस और पश्चिमी देशों के बीच संवाद लगभग ठप हो गया था।
यूक्रेन और NATO की भूमिका
विशेषज्ञों का मानना है कि यूक्रेन और NATO की भूमिका इस वार्ता की दिशा तय करेगी। अगर यूक्रेन युद्धविराम के लिए तैयार होता है और NATO देशों का समर्थन मिलता है, तो आने वाले महीनों में शांति समझौते की राह आसान हो सकती है।
अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर असर
यह मुलाकात केवल रूस और अमेरिका तक सीमित नहीं है। इसका असर पूरे यूरोप और एशिया की सुरक्षा व्यवस्था पर पड़ेगा। यदि शांति वार्ता आगे बढ़ती है तो यह ऊर्जा संकट और वैश्विक अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
