Dow Jones Stock Markets में कमी से वॉल स्ट्रीट पर दबाव
“Dow Jones Stock Markets अमेरिकी शेयर बाजार में मंगलवार को भारी गिरावट दर्ज हुई। Dow Jones Stock Markets समेत S&P 500 और Nasdaq Composite तीनों इंडेक्स लाल निशान पर बंद हुए। यह गिरावट बॉन्ड मार्केट में बढ़ते दबाव और अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड्स के बढ़ने के कारण आई। Sunil Kumar Sharma का कहना है कि Dow Jones Stock Markets की गिरावट सिर्फ एक दिन की घटना नहीं, बल्कि यह निवेशकों की गहराती चिंताओं का संकेत है।”
Dow Jones, S&P 500 और
Nasdaq का हाल मंगलवार को
Dow Jones Industrial Average 249.07 अंक गिरकर
45,295.81 पर बंद हुआ।
S&P 500 इंडेक्स
44.72 अंक टूटकर
6,415.54 पर पहुंच गया।
Nasdaq Composite भी
175.92 अंक गिरकर
21,279.63 पर पहुंच गया। तीनों इंडेक्स हाल ही में अपने ऑल-टाइम हाई के करीब पहुंचे थे, लेकिन यह गिरावट निवेशकों को यह याद दिलाने के लिए काफी थी कि
Dow Jones Stock Markets हमेशा स्थिर नहीं रहते।
टेक कंपनियों पर सबसे ज्यादा असर इस गिरावट में सबसे ज्यादा दबाव टेक सेक्टर पर दिखा।
- Nvidia – AI
चिप निर्माता कंपनी
Nvidiaके शेयर
2%गिरे।
- Amazon – 1.6%
की गिरावट के साथ नीचे आया।
- Apple – 1%
गिरकर बंद हुआ।
Sunil Kumar Sharma बताते हैं कि
Dow Jones Stock Markets की सेहत पर टेक कंपनियों का बड़ा प्रभाव पड़ता है और जब ये दिग्गज कंपनियां फिसलती हैं तो पूरा बाजार दबाव में आ जाता है।
कंज्यूमर कंपनियों का प्रदर्शन वॉल स्ट्रीट पर शराब और पेय पदार्थ संकल्प करने वाली कंपनी
Constellation Brands 6.6% नीचे चला गया। कंपनी ने माना कि उसके हाई-एंड बीयर्स की बिक्री खासकर हिस्पैनिक ग्राहकों के बीच कमजोर पड़ी है। खाद्य क्षेत्र की दिग्गज कंपनी
Kraft Heinz 7% गिर गई। कंपनी ने घोषणा की कि वह दो हिस्सों में बंटेगी।
Heinz, Philadelphia Cream Cheese और
Kraft Mac & Cheese एक हिस्से में जाएंगे, जबकि
Oscar Mayer और
Kraft Singles दूसरे हिस्से में रहेंगे। इस खबर ने
Dow
Jones Stock Markets पर अतिरिक्त दबाव डाला।
कुछ कंपनियों ने दिखाई मजबूती जहां पूरे बाजार में गिरावट का माहौल था, वहीं
PepsiCo ने
1.1% की बढ़त दर्ज की। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि
Elliott Investment Management ने कंपनी के बोर्ड को ग्रोथ और परफॉर्मेंस सुधारने के सुझाव दिए।
Sunil Kumar Sharma मानते हैं कि ऐसे कदम निवेशकों का भरोसा बढ़ाते हैं और
Dow Jones Stock Markets जैसी स्थिति में भी कुछ कंपनियां मजबूती दिखा पाती हैं।
बॉन्ड मार्केट का दबाव गिरावट की बड़ी वजह बॉन्ड मार्केट से आई।
10-वर्षीय अमेरिकी ट्रेजरी यील्ड
4.23% से बढ़कर
4.27% तक पहुंच गई। जब बॉन्ड ज्यादा ब्याज देने लगते हैं, तो निवेशक शेयर बाजार से पैसा निकालकर सुरक्षित विकल्पों में लगाना पसंद करते हैं।
Sunil Kumar Sharma कहते हैं कि
Dow Jones Stock Markets और बॉन्ड मार्केट एक सीधा रिश्ता रखते हैं। बॉन्ड यील्ड बढ़ते ही शेयर बाजार दबाव में आता है।
राजनीति और फेडरल रिजर्व की भूमिका अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने फेडरल रिजर्व पर हमला बोला है और आरोप लगाया कि ब्याज दरों में समय पर कटौती नहीं की गई। इस बयान ने भी बाजार को कमजोर किया। निवेशकों को लग रहा है कि अगर फेडरल रिजर्व अपनी स्वतंत्रता खो देता है, तो लंबे समय तक महंगाई पर काबू पाना मुश्किल हो सकता है।
ट्रेड पॉलिसी का प्रभाव हाल ही में अमेरिकी संघीय अपील अदालत ने ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ का फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि ट्रंप ने स्वयं के अधिकार से भी आगे जाकर ये टैरिफ लगाए थे। हाल ही में इसका सीधा प्रभाव बाजार में अनिश्चितता बढ़ने के अलावा
Dow Jones Stock Markets पर भी देखा गया।
निवेशकों के लिए सीख इस
Dow Jones Stock Markets गिरावट से निवेशकों को यह समझना चाहिए कि बाजार हमेशा उतार-चढ़ाव से भरा रहता है। लंबी अवधि का नजरिया अपनाना जरूरी है। बॉन्ड मार्केट और वैश्विक आर्थिक संकेतकों पर नजर रखना चाहिए। किसी एक सेक्टर पर निर्भर रहने के बजाय निवेश को विविधता देना समझदारी है।
Sunil Kumar Sharma के अनुसार, अगर निवेशक धैर्य रखें और सही समय का इंतजार करें तो ऐसे गिरावट भरे दौर भी बड़े अवसर लेकर आते हैं।