एम्स दिल्ली में महिलाओं के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम
“अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली ने महिलाओं के हित में ‘स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान’ का आयोजन किया। इस विशेष कार्यक्रम में बड़ी संख्या में महिलाओं को नि:शुल्क स्वास्थ्य परामर्श और जांच की सुविधा प्रदान की गई। मुफ्त स्वास्थ्य जांच और परामर्श इस आयोजन में महिलाओं को सामान्य स्वास्थ्य जांच, आहार परामर्श, स्त्री रोग विशेषज्ञ की राय, दंत और नेत्र परीक्षण, फेफड़ों से जुड़ी जांच और मानसिक स्वास्थ्य परामर्श की सेवाएं प्रदान की गईं। इन जांचों का उद्देश्य महिलाओं को समय रहते बीमारियों से अवगत कराना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए जागरूक करना था।”
हैप्पीनेस सेशन ने बढ़ाया उत्साह MAAsterG की टीम ने आयोजित किया है "हैप्पीनेस सेशन" जो यूनिवर्सिटी हॉस्टल का खास आकर्षण बना रहा। अवसाद से बाहर निकलने, आत्महत्या जैसे नकारात्मक विचारों से बचने और जीवन को आनंदमय बनाने के व्यावहारिक उपाय इस सत्र में साझा किए गए। प्रतिभागियों को रोजमर्रा की जिंदगी में संतुलन बनाए रखने और खुशी को जीवनशैली का हिस्सा बनाने की प्रेरणा इंटरैक्टिव चर्चा में मिली। प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञों की उपस्थिति इस अवसर पर एम्स के निदेशक डॉ. एम. श्रीनिवास, मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. निरुपम मदान और आर.पी. सेंटर के डॉ. राजपाल वोहरा मौजूद रहे। कार्यक्रम में एम्स के डॉक्टर, नर्सिंग और पैरामेडिकल स्टाफ ने सक्रिय भागीदारी की। मरीजों और उनके परिजनों ने भी इस पहल की सराहना की।
बीएसएफ जवानों की भागीदारी कार्यक्रम की एक और विशेषता रही ऑपरेशन सिंदूर से जुड़े 50 से अधिक बीएसएफ जवानों की उपस्थिति। उनकी भागीदारी ने इस आयोजन को और भी खास बना दिया। सैनिकों के अनुभव और योगदान ने महिलाओं और प्रतिभागियों को मानसिक मजबूती और जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का संदेश दिया। 300 से अधिक प्रतिभागियों की सक्रिय मौजूदगी करीब 300 लोगों ने इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लिया। सभी ने स्वास्थ्य जांच और परामर्श का लाभ उठाया। MAAsterG के व्याख्यान का मुख्य संदेश था कि खुशी कोई गंतव्य नहीं बल्कि एक सतत यात्रा है। संतुलित और सार्थक जीवन ही वास्तविक आनंद का स्रोत है।
अभियान का उद्देश्य ‘एम्स दिल्ली स्वस्थ नारी अभियान’ का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को स्वास्थ्य सेवाओं तक आसान पहुंच दिलाना और उन्हें मानसिक व शारीरिक रूप से सशक्त बनाना है। इस तरह के आयोजन समाज में महिलाओं की भूमिका को और मजबूत करते हैं और परिवार की नींव को भी स्वस्थ बनाते हैं।
