कांतारा रिव्यू: ऋषभ शेट्टी की लोककथा पर आधारित दिव्य गाथा
कांतारा रिव्यू – द मॉर्निंग स्टार
लोककथा, आस्था और प्रकृति के अद्भुत संगम पर आधारित यह फिल्म दर्शकों को गहराई से छूती है।
भारतीय सिनेमा में कांतारा एक ऐसा नाम है जिसने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी है। अब इसका प्रीक्वल कांतारा चैप्टर 1 रिलीज़ होकर फिर से चर्चा में है। द मॉर्निंग स्टार आपको बता रहा है कि यह फिल्म क्यों खास है।
फिल्म की कहानी कदंब वंश और जनजातीय समाज के बीच भूमि, आस्था और अस्तित्व की जंग को दिखाती है। ऋषभ शेट्टी ने निर्देशक, लेखक और अभिनेता – तीनों भूमिकाओं में अद्भुत काम किया है। फिल्म के हर दृश्य में लोककथा, मिथक और विश्वास की गहराई झलकती है।
कांतारा की सबसे बड़ी ताकत इसका निर्देशन और बेहतरीन अभिनय है। रुक्मिणी वसंत, गुलशन देवैया और जयराम ने अपनी भूमिकाओं को सशक्त ढंग से निभाया है। तकनीकी पक्ष में सिनेमैटोग्राफी और संगीत फिल्म को और प्रभावशाली बनाते हैं।
द मॉर्निंग स्टार की राय में, कांतारा केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक अनुभव है। यह याद दिलाती है कि प्रकृति और आस्था मानव जीवन की मूल आत्मा हैं।
