Sterlite Electric IPO: वायसराय रिसर्च के आरोपों के बाद SEBI ने लगाई रोक
भारतीय मार्केट रेगुलेटर SEBI ने Sterlite Electric IPO को अस्थायी रूप से रोक दिया है। अमेरिकी शॉर्ट सेलर Viceroy Research द्वारा Vedanta Group पर लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद सेबी ने यह कदम उठाया है। इन आरोपों में कहा गया है कि वेदांता लिमिटेड अपनी पैरेंट कंपनी Vedanta Resources को फंड ट्रांसफर कर रही है ताकि उसके कर्ज संकट को संभाला जा सके।
Sterlite Electric IPO अक्टूबर 2025 की शुरुआत में दाखिल किया गया था, जिसका अनुमानित आकार ₹1,500 करोड़ रुपये है। कंपनी कैपिटल गुड्स निर्माण के साथ पावर ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम इंटीग्रेशन में काम करती है। यह Vedanta Group की एक प्रमुख सहायक इकाई है। रिपोर्ट्स के अनुसार, SEBI वर्तमान में वायसराय रिसर्च के दावों की जांच कर रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही IPO को मंजूरी मिलने की संभावना है।
वेदांता समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा है कि वायसराय रिसर्च की रिपोर्ट झूठी और भ्रामक है। विशेषज्ञों का मानना है कि जांच पूरी होने के बाद यदि आरोप निराधार पाए गए, तो Sterlite Electric IPO को आगे बढ़ाने की अनुमति मिल सकती है।
❓FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
प्रश्न 1: Sterlite Electric IPO को SEBI ने क्यों रोका?
उत्तर: SEBI ने वायसराय रिसर्च के आरोपों की जांच शुरू की है, इसी कारण IPO फिलहाल होल्ड पर है।
प्रश्न 2: Sterlite Electric किस कंपनी की है?
उत्तर: यह Vedanta Group की सहायक कंपनी है।
प्रश्न 3: IPO का अनुमानित आकार कितना है?
उत्तर: लगभग ₹1,500 करोड़ रुपये का।
प्रश्न 4: क्या Vedanta ने आरोप मान लिए हैं?
उत्तर: नहीं, Vedanta Group ने सभी आरोपों को खारिज कर दिया है।
