Delhi High Court | का विधि छात्रों के संबंध में निर्णय: उपस्थिति संबंधी समस्याओं से जूझ रहे छात्रों को राहत
Delhi High Court के विधि छात्रों संबंधी निर्णय से देश भर के विधि अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। न्यायालय ने कहा कि केवल उपस्थिति की कमी के कारण छात्रों को परीक्षा देने से नहीं रोका जा सकता। पीठ ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) को छात्रों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा के लिए वर्तमान उपस्थिति संबंधी नियमों पर पुनर्विचार और संशोधन करने का निर्देश दिया।
इस ऐतिहासिक निर्णय को अधिक लचीली और छात्र-हितैषी विधि शिक्षा प्रणाली की दिशा में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है। न्यायालय ने इस बात पर ज़ोर दिया कि शैक्षणिक संस्थानों को छात्रों पर मानसिक दबाव डालने वाले कठोर उपस्थिति मानदंड नहीं थोपने चाहिए।
Delhi High Court ने सुशांत रोहिल्ला मामले को भी स्वतः संज्ञान में लेकर बंद कर दिया, जिसने उपस्थिति प्रतिबंधों से जुड़ी दुखद घटना के बाद राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित किया था। दिल्ली उच्च न्यायालय के विधि छात्रों संबंधी इस निर्णय के साथ, अब विधि महाविद्यालयों से अपेक्षा की जाएगी कि वे छात्रों के कल्याण को प्राथमिकता दें और सभी को उचित अवसर प्रदान करें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
प्रश्न 1: क्या अब सभी लॉ कॉलेजों में अटेंडेंस की बाध्यता खत्म हो जाएगी?
उत्तर: दिल्ली हाईकोर्ट ने बीसीआई से नियमों में बदलाव का आग्रह किया है, जिससे जल्द ही नई नीति लागू हो सकती है।
प्रश्न 2: क्या यह फैसला पूरे देश के लॉ कॉलेजों पर लागू होगा?
उत्तर: हां, यह निर्णय पूरे देश के लॉ स्टूडेंट्स को प्रभावित करेगा।
