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केन्‍द्र सरकार ने 10,103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2024-25 से 2030-31 के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन को स्‍वीकृति दी

“सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल नई दिल्ली में कहा कि नई योजना रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी प्रमुख तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित है”

केन्‍द्र सरकार ने 10 हजार 103 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ वर्ष 2024-25 से 2030-31 के लिए राष्ट्रीय खाद्य तेल-तिलहन मिशन को भी स्‍वीकृति दे दी है। अगले 7 वर्षों में भारत को तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया। सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कल नई दिल्ली में कहा कि नई योजना रेपसीड-सरसों, मूंगफली, सोयाबीन, सूरजमुखी और तिल जैसी प्रमुख तिलहन फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर केंद्रित है।

उन्होंने कहा कि यह कॉटनसीड, चावल की भूसी और वृक्ष जनित तेल जैसे स्रोतों से संग्रह और निष्कर्षण दक्षता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित करेगा। श्री वैष्णव ने कहा कि मिशन का लक्ष्य प्राथमिक तिलहन उत्पादन को वर्ष 2022-23 में 390 लाख टन से बढ़ाकर वर्ष 2030-31 तक 697 लाख टन करना है।

श्री वैष्णव ने कहा कि इस योजना से जीनोम संपादन जैसी अत्याधुनिक वैश्विक तकनीकों का उपयोग करके उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के निरंतर विकास का लाभ मिलेगा।

मिशन का लक्ष्य घरेलू तिलहन उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि करना, खाद्य तेलों में आत्मनिर्भरता प्राप्‍त करना है। इससे आयात निर्भरता कम होगी और किसानों की आय बढ़ाकर विदेशी मुद्रा की बचत होगी।

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