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इजरायली सैनिकों ने कैसे किया हमास चीफ याह्या सिनवार का खात्मा: मौत से पहले गाजा के लादेन की ऐसी थी हालत

  • हमास चीफ याह्या सिनवार की मौत इजरायली सैनिकों के एक खास ऑपरेशन के दौरान हुई।
  • सिनवार, जिन्हें “गाजा के लादेन” के नाम से जाना जाता था, को खत्म करने के लिए इजरायली सेना ने एक सटीक और गोपनीय मिशन को अंजाम दिया।
  • हमास के शीर्ष नेता याह्या सिनवार की मृत्यु ने इजराइल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष में एक अहम मोड़ ला दिया है।

याह्या सिनवार कौन थे?

याह्या सिनवार हमास के एक वरिष्ठ और ताकतवर नेता थे, जिन्हें “गाजा के लादेन” के रूप में जाना जाता था। वह लंबे समय से इजराइल के निशाने पर थे, क्योंकि उन पर कई आतंकी हमलों और हिंसक गतिविधियों को अंजाम देने का आरोप था। सिनवार ने हमास के भीतर एक ताकतवर धड़ा बनाया था और गाजा पट्टी में हमास की गतिविधियों को नियंत्रित करते थे।

सिनवार की छवि एक कट्टरपंथी और उग्रवादी नेता की थी, जो इजराइल के खिलाफ हिंसक संघर्ष का नेतृत्व कर रहे थे। उन्होंने कई बार सार्वजनिक रूप से इजराइल के खिलाफ हिंसक कार्रवाई की धमकी दी थी, और गाजा के भीतर उनके प्रभाव के कारण उन्हें “गाजा का लादेन” कहा जाने लगा था।

ऑपरेशन की योजना और निष्पादन:

इजरायली सेना ने सिनवार को मार गिराने के लिए एक खास ऑपरेशन को अंजाम दिया, जिसे महीनों की योजना और खुफिया जानकारी के आधार पर तैयार किया गया था। इस ऑपरेशन में इजरायली स्पेशल फोर्सेज और एयर स्ट्राइक्स का इस्तेमाल किया गया।

  • सटीक खुफिया जानकारी: इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट और अन्य स्रोतों से सिनवार की गतिविधियों और ठिकानों की जानकारी जुटाई गई थी। सिनवार गाजा के भीतर कई बार ठिकाने बदल रहे थे, लेकिन इजरायली खुफिया नेटवर्क ने उनके ठिकाने का पता लगा लिया था।
  • सटीक हमले: इजरायली वायुसेना ने उस ठिकाने पर हमला किया, जहां सिनवार छिपे हुए थे। हमले में सिनवार के साथ उनके कुछ करीबी सहयोगी भी मारे गए। बताया जाता है कि यह हमला इतना सटीक और तेजी से हुआ कि सिनवार को भागने का मौका भी नहीं मिला।

मौत से पहले की हालत:

सिनवार, जो गाजा में अपने नेतृत्व के लिए जाने जाते थे, उनकी मौत से ठीक पहले की हालत उनके नकारात्मक इरादों और कट्टरपंथी विचारधारा की झलक देती है।

  • चिंतित और घिरे हुए: सिनवार इजरायली हमलों से बचने की कोशिश कर रहे थे और लगातार ठिकाने बदल रहे थे। उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, वह इजरायली ड्रोन और हमलों के डर से घिरे हुए थे। मौत से पहले के कुछ दिनों में, सिनवार अपने करीबी साथियों के साथ छिपे हुए थे, लेकिन तनाव और बेचैनी में थे।
  • हार के संकेत: उनकी हालत मानसिक रूप से कमजोर हो चुकी थी, और वह अपनी सुरक्षा को लेकर अत्यधिक चिंतित थे। उनके हाथों में इजराइल के खिलाफ हमास की गतिविधियों की बागडोर थी, लेकिन इजरायल के जवाबी हमलों ने उनकी स्थिति कमजोर कर दी थी। उनके करीबी लोग भी समझ चुके थे कि वह अब सुरक्षित नहीं हैं।

हमास और गाजा पर प्रभाव:

सिनवार की मौत हमास के लिए एक बड़ा झटका है। वह न केवल संगठन के शीर्ष नेता थे, बल्कि गाजा पट्टी में हमास की सत्ता का केंद्र भी थे। उनके नेतृत्व में हमास ने इजरायल के खिलाफ कई बड़े हमले किए, लेकिन उनकी मौत से संगठन की रणनीतिक स्थिति कमजोर हो गई है।

गाजा पर असर: गाजा के लोगों में सिनवार की मौत के बाद गहरा प्रभाव पड़ा है। वह हमास के लिए एक प्रतीक थे, और उनकी मौत के बाद हमास के नेतृत्व में दरारें आ सकती हैं। गाजा में भी हालात और बिगड़ सकते हैं, क्योंकि हमास के नेता अब इस नुकसान की भरपाई कैसे करेंगे, यह सवाल बना हुआ है।

इजराइल का क्या कहना है?

इजरायली सरकार और सेना ने इस ऑपरेशन को बड़ी सफलता के रूप में देखा है। इजराइल के प्रधानमंत्री ने कहा कि याह्या सिनवार की मौत से हमास की आतंकवादी गतिविधियों को बड़ा झटका लगा है। यह ऑपरेशन इजराइल की सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।

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