World Osteoporosis Day: कैल्शियम की कमी से हो सकता है ऑस्टियोपोरोसिस, टूट सकती है हड्डी
हर साल 20 अक्टूबर को World Osteoporosis Day मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य ऑस्टियोपोरोसिस के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। यह एक गंभीर बीमारी है, जिसमें हड्डियाँ कमजोर हो जाती हैं और उनका टूटने का खतरा बढ़ जाता है। कैल्शियम की कमी इस स्थिति का मुख्य कारण बन सकती है, इसलिए इसे समझना और रोकना आवश्यक है।
ऑस्टियोपोरोसिस क्या है?
ऑस्टियोपोरोसिस एक ऐसी स्थिति है, जिसमें हड्डियों की घनत्व में कमी होती है, जिससे वे कमजोर और भंगुर बन जाती हैं। यह मुख्य रूप से उम्रदराज लोगों, विशेषकर महिलाओं में, अधिक पाया जाता है।
कैल्शियम की कमी का प्रभाव
कैल्शियम हड्डियों के विकास और मजबूती के लिए आवश्यक एक महत्वपूर्ण खनिज है। जब शरीर में कैल्शियम की कमी होती है, तो हड्डियाँ कमजोर होती जाती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ता है।
ऑस्टियोपोरोसिस के लक्षण
- कमजोर हड्डियाँ: हड्डियों का आसानी से टूटना।
- कमर में दर्द: पीठ के निचले हिस्से में लगातार दर्द होना।
- ऊंचाई में कमी: उम्र के साथ अचानक ऊंचाई में कमी आना।
- हड्डियों की असामान्य संरचना: हड्डियों का सामान्य आकार बिगड़ना।
बचाव के उपाय
- कैल्शियम से भरपूर आहार: डेयरी उत्पाद, हरी पत्तेदार सब्जियाँ, नट्स और बीजों का सेवन करें।
- विटामिन D का सेवन: यह कैल्शियम के अवशोषण में मदद करता है। धूप में रहना और विटामिन D युक्त खाद्य पदार्थ खाना फायदेमंद है।
- व्यायाम: नियमित व्यायाम, विशेषकर वजन उठाने वाले व्यायाम, हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं।
- धूम्रपान और शराब से बचें: ये हड्डियों के स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं।
- डॉक्टर से सलाह लें: नियमित चेकअप और बोन डेंसिटी टेस्ट करवाना आवश्यक है।
